नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में दो फाड़ के संकेत, ओली से विफल हुई प्रचंड की वार्ता

नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली किसी भी सूरत में एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत मानने को तैयार नहीं हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 07 Aug 2020 09:36 PM (IST) Updated:Fri, 07 Aug 2020 09:36 PM (IST)
नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में दो फाड़ के संकेत, ओली से विफल हुई प्रचंड की वार्ता
नेपाल में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में दो फाड़ के संकेत, ओली से विफल हुई प्रचंड की वार्ता

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली किसी भी सूरत में एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के चेयरमैन का पद छोड़ने से इन्कार कर दिया है। ओली से वार्ता के विफल होने के बाद पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कार्यकर्ताओं को बुरे नतीजे के लिए तैयार होने को कहा है। संकेत दिया है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी टूट सकती है, उसमें दोफाड़ हो सकता है।

ओली की मनमानी कार्यप्रणाली से पार्टी नेताओं ने की इस्तीफे की मांग

इससे पहले ओली ने पार्टी नेताओं पर भारत के साथ मिलकर उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। उनके इस आरोप से ओली की मनमानी कार्यप्रणाली से पहले से नाराज बैठे पार्टी नेता भड़क उठे और उन्होंने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर डाली। इन नेताओं ने ओली के बयान को राजनीतिक और भारत के साथ रिश्तों के लिहाज से गलत बताया।

कम्युनिस्ट पार्टी के नेता एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत को लागू करने की मांग कर रहे हैं

चीन की महिला राजदूत की सक्रियता के बाद नाराज नेताओं ने यह मांग छोड़ी, लेकिन वे पार्टी में एक व्यक्ति-एक पद का सिद्धांत लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसके तहत ओली को सत्तारूढ़ दल के चेयरमैन का पद छोड़ना है। यह पद उन्हें दिसंबर में होने वाले पार्टी के महाधिवेशन में छोड़ना है और पद के लिए प्रचंड का नाम प्रस्तावित करना है, लेकिन ओली इसके लिए तैयार नहीं हैं। हाल के दिनों में गतिरोध दूर करने के लिए ओली और प्रचंड के बीच दस बार हुई वार्ता विफल रही है।

प्रचंड ने कहा- मेरा उद्देश्य सत्ता की ताकत या पद पाना नहीं, पार्टी को सही ढर्रे पर चलाना है

प्रचंड ने कहा है कि उनका उद्देश्य सत्ता की ताकत या पद पाना नहीं, बल्कि पार्टी को सही ढर्रे पर चलाना है। हमारी लड़ाई पार्टी को गलत रास्ते पर जाने से रोकने की है। पत्रकारों से वार्ता के समय प्रचंड के साथ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के तीन वरिष्ठ नेता माधव नेपाल, झालानाथ खनाल और नारायण काजी श्रेष्ठ भी मौजूद थे। इन नेताओं ने आरोप लगाया कि ओली अपने फायदे के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की छवि धूमिल कर रहे है। उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।

प्रचंड ने कहा- ओली पार्टी को तोड़ने की कोशिश में जुटे

प्रचंड और नेपाल ने कहा, पार्टी की सेंट्रल वर्किग कमेटी के ज्यादातर सदस्य उनके साथ हैं और ओली के तौर-तरीकों से असंतुष्ट हैं। प्रचंड ने कहा, पार्टी इकाइयों में अपने खिलाफ बढ़ते असंतोष को देखते हुए ही ओली ने एक गुमनाम से व्यक्ति को आगे करके नई पार्टी का पंजीकरण कराया है और अब वह पार्टी तोड़ने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने कहा, जब किसी पार्टी का अध्यक्ष ही उसे ठीक तरह से चलाने का तरीका नहीं अपनाएगा तो वह पार्टी कैसे चल सकती है ? पार्टी में एकजुटता कैसे बनी रह सकती है?

प्रचंड ने कहा- बुरी स्थिति के लिए तैयार रहें कार्यकर्ता

प्रचंड ने कहा कि वह और अन्य वरिष्ठ नेता कम्युनिस्ट पार्टी की एकजुटता बनाए रखने और गतिरोध दूर करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पार्टीजनों को बुरी स्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहिए।

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