सरकारी एप से बीबियों की जासूसी कर रहे हैं इस देश के लोग, महिला अधिकारों की उठी आवाज

सउदी अरब के गृह मंत्रालय ने एक ऐसा एप तैयार किया है, जिसकी मदद से पुरुष अपनी पत्नियों की निगरानी कर सकते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Publish:Thu, 14 Feb 2019 05:55 PM (IST) Updated:Thu, 14 Feb 2019 07:41 PM (IST)
सरकारी एप से बीबियों की जासूसी कर रहे हैं इस देश के लोग, महिला अधिकारों की उठी आवाज
सरकारी एप से बीबियों की जासूसी कर रहे हैं इस देश के लोग, महिला अधिकारों की उठी आवाज

लंदन, रायटर। महिलाओं को अधिकार देने और लैंगिक असमानता दूर करने के दावे करने वाली सऊदी अरब सरकार के दावों की पोल खुल गई है। यहां गृह मंत्रालय ने एक ऐसा एप तैयार किया है, जिसकी मदद से पुरुष अपनी पत्नियों की निगरानी कर सकते हैं। इसकी मदद से व्यक्ति एक बटन दबाकर अपनी पत्नी की यात्रा प्रतिबंधित कर सकता है। अमेरिकी नेता और महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली रोतना बेगम ने गूगल और एपल जैसी कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म से इस एप का सपोर्ट हटाने की अपील की है।

पुरुषों को दिया गया है ये अधिकार
निशुल्क उपलब्ध एबशर एप के जरिये पुरुषों को यह अधिकार दिया गया है कि वे जब चाहें अपनी पत्नी या महिला रिश्तेदार की अंतरराष्ट्रीय यात्रा की अनुमति रद कर सकते हैं या बदल सकते हैं। जैसे ही महिला के पासपोर्ट का प्रयोग होता है, उसके संरक्षक पुरुष को एसएमएस चला जाता है। गूगल और एपल के ऑनलाइन स्टोर के सऊदी संस्करणों में यह एप उपलब्ध है।

रोतना बेगम ने कहा, 'सऊदी में महिलाओं पर उनके पुरुष संरक्षकों के नियंत्रण को आधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से और मजबूत किया जा रहा है। पुरुषों का जीवन आसान बनाया जा रहा है और महिलाओं का जीना दुरूह किया जा रहा है।' उन्होंने कहा कि गूगल और एपल को इस एप का सपोर्ट हटा देना चाहिए।

कंपनियों को नही है एप की जानकारी
एक दिन पहले एपल के सीईओ टिम कुक ने इससे जुड़े सवाल पर कहा था कि उन्हें एबशर के बारे में जानकारी नहीं है लेकिन वह इस मामले में विचार अवश्य करेंगे। हालांकि महिला अधिकार समूह इक्वेलिटी नाऊ के प्रवक्ता सुअद अबू-दायेह ने इस बात पर आशंका जताई है कि कंपनियां इन एप को रोकने के लिए कुछ कदम उठाएंगी। उन्होंने कहा कि मानवाधिकारों की चिंता किए बिना ताकत और पैसा मिलकर काम कर रहे हैं।

महिलाओं को नहीं है कोई आजादी
दरअसल सऊदी में महिलाओं की स्थिति बेहद खराब है। यहां उन्हें कोई भी काम करने, शादी करने और यात्रा करने के लिए पुरुष संरक्षक की अनुमति लेनी होती है। शादी से पहले पिता या भाई संरक्षक की भूमिका में रहे हैं और शादी के बाद पति को संरक्षक माना जाता है। 2017 के वैश्विक लैंगिक असमानता रिपोर्ट के अनुसार, लैंगिक असमानता के मामले में 144 देशों में सऊदी अरब 138वें स्थान पर है। सऊदी के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले साल महिलाओं की निगरानी की इस व्यवस्था को खत्म करने की बात कही थी, लेकिन वह भी इस संबंध में कुछ ठोस नहीं कर सके।

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