दक्षिण कोरिया के वेयरहाउस में संक्रमण के 39 नए मामले, रुकने का नाम ले रहा कोरोना वायरस

दक्षिण कोरिया के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (KCDC) से मिले आंकड़ों के अनुसार देश में कुल 11 हजार 4 सौ 41 संक्रमित मामले हैं और 269 लोगों की मौत हो चुकी है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 09:34 AM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 09:34 AM (IST)
दक्षिण कोरिया के वेयरहाउस में संक्रमण के 39 नए मामले, रुकने का नाम ले रहा कोरोना वायरस
दक्षिण कोरिया के वेयरहाउस में संक्रमण के 39 नए मामले, रुकने का नाम ले रहा कोरोना वायरस

सोल, एपी। दक्षिण कोरिया में शनिवार को नॉवेल कोरोना वायरस से  संक्रमण के 39 नए मामले सामने आए। इनमें से अधिकतर जनसंख्या बहुल इलाके सोल में  हैं  जहां सैंकड़ो वेयरहाउस वर्कर संक्रमित हैं। दक्षिण कोरिया के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (KCDC) से मिले आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल 11 हजार 4 सौ 41 संक्रमित मामले हैं और 269 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा कम से कम 12 नए मामले दूसरे देशों से आने वाले लोगों में पाए गए। 

KCDC डायरेक्टर जियोंग यून-काइओंग (Director Jeong Eun-kyeong) ने शुक्रवार को बताया कि  102 संक्रमित मामले कूपंग द्वारा संचालित वेयरहाउस से जुड़े हैं।  पूरे देश में इस सेंटर के संपर्क में आए कर्मचारियों को ट्रैक किया जा रहा है और उनका टेस्ट भी किया गया है। इन मामलों को देखते हुए बूचन शहर के 251 स्कूलों को दोबारा बंद करा दिया गया है। सोल में पढ़ने वाले एक छात्र की मां कूपंग वेयरहाउस में काम करती है और अब वह कोविड-19 संक्रमण का शिकार हो चुकी है।

बता दें कि दक्षिण कोरिया में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आने के बाद सरकार को करीब 251 स्कूल बंद करने पड़े। संक्रमण के आंकड़ों में कमी आने के बाद यहां के स्कूल खोल गए थे। अभी मिल रहे संक्रमण के कुछ मामले पश्चिम कोरिया के बूचन में मौजूद एक डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर में पाए गए हैं। बूचन घनी आबादी वाला इलाका है जिस कारण यहां अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। बूचन में देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी  कोउपांग का दफ्तर है। अधिकारियों का कहना है कि कंपनी ने कोरोना संक्रमण फैलने से रोकने के लिए अनिवार्य कदमों का पालन नहीं किया।

स्थानीय प्रशासन ने निर्णय लिया है कि सोल के सभी सार्वजनिक पार्क और म्यूजियम को बंद करा दिया जाएगा।

दक्षिण कोरियाई सरकार ने शारीरिक दूरी के गाइडलाइंस जारी किए लेकिन इसके लिए सख्ती नहीं की। यहां के लोग स्वेच्छा से इसका पालन कर रहे थे। देश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी संदेश में कहा गया था कि लोग तमाम सावधानियां अपनाएं ताकि हमारे बच्चे स्कूल जा सकें।'

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