Russia Attack Finland : रूस यूक्रेन जंग के बीच फिनलैंड के खिलाफ एक्‍शन के मोड में आया रूस, पुतिन उठा सकते हैं ये बड़े कदम

Russia Attack Finland फ‍िनलैंड के इस ऐलान के बाद कि वह नाटो संगठन में शामिल होगा रूस एक्‍शन के मूड में आ गया है। गत दिनों फ‍िनलैंड ने घोषणा की थी कि वह नाटो में शामिल होने का समर्थन करता है। पुतिन फ‍िनलैंड के खिलाफ उठा सकते हैं ये कदम।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 14 May 2022 05:25 PM (IST) Updated:Sun, 15 May 2022 12:45 AM (IST)
Russia Attack Finland : रूस यूक्रेन जंग के बीच फिनलैंड के खिलाफ एक्‍शन के मोड में आया रूस, पुतिन उठा सकते हैं ये बड़े कदम
रूस यूक्रेन जंग के बीच फिनलैंड के खिलाफ एक्‍शन के मोड में आया रूस। एजेसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। फ‍िनलैंड और नाटो की निकटता रूस को अखर रही है। यह फ‍िनलैंड पर भारी पड़ सकती है। फ‍िनलैंड के इस ऐलान के बाद कि वह नाटो संगठन में शामिल होगा, रूस एक्‍शन के मूड में आ गया है। गत दिनों फ‍िनलैंड ने घोषणा की थी कि वह नाटो में शामिल होने का समर्थन करता है। हालांकि, रूस ने फ‍िनलैंड के खिलाफ जंग का ऐलान नहीं किया है। रूस ने कहा है कि शनिवार को फ‍िनलैंड की बिजली सप्‍लाई रोक देगा। रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन खतरों से निपटने के लिए सैन्य, तकनीकी और दूसरे जरूरी कदम उठाने के लिए वह बाध्‍य हो सकता है। इसके पीछे रूस का तर्क है कि उसने बिजली का पिछला भुगतान नहीं किया है। अगर रूस ने बिजली आपूर्ति बंद किया तो पूरा फ‍िनलैंड अंधेरे में डूब जाएगा। रूस के इस कदम को नाटो से उसके संबंधों के साथ देखा जा रहा है।

1- फिनलैंड के ग्रिड आपरेटर फिंगरिड ने एक बयान में कहा कि स्थानीय समयानुसार दोपहर एक बजे से बिजली की आपूर्ति रोक दी जाएगी। फिंगरिड ने कहा कि रूस से आपूर्ति और बिजली को कोई खतरा नहीं है, जो फिनलैंड की कुल खपत का 10 फीसद हिस्सा है। आपरेटर ने कहा कि स्वीडन से बिजली आयात और घरेलू उत्पादन से रूसी बिजली कटौती को पूरा किया जा सकता है। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने साफ कर दिया है कि फिनलैंड के नाटो में शामिल होने के फैसले को रूस एक खतरे के रूप में देखता है।

2- फिनलैंड और स्‍वीडन के उत्‍तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) में शामिल होने के ऐलान से उत्‍तरी यूरोप में माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। रूसी राष्‍ट्रपति कार्यालय ने इसे खतरा बताया है और ऐलान किया है कि वह जवाबी कदम उठाएगा। इस बीच रूस में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत का दावा है कि फिनलैंड को सबक सिखाने के लिए पुतिन बाल्टिक इलाके में अपनी परमाणु सेना को और ज्‍यादा मजबूत कर सकते हैं।

3- इसके पूर्व फिनलैंड ने ऐलान किया था कि वह नाटो की सदस्‍यता के लिए आवेदन करेगा। यह उम्‍मीद की जा रही है कि स्‍वीडन भी जल्‍द ही फिनलैंड के रास्‍ते पर चलेगा और नाटो की सदस्‍यता के लिए आवेदन देगा। फिनलैंड और स्‍वीडन के इस कदम से पश्चिमी देशों के सैन्‍य संगठन नाटो का विस्‍तार होगा और रूस की सीमा के और करीब तक पहुंच जाएगा। वह भी तब जब पुतिन ने नाटो के रूस की सीमा तक पहुंच को रोकने के लिए यूक्रेन पर हमला किया था।

फिनलैंड के साथ रूस के दरवाजे पर दोगुनी हो जाएगी नाटो की ताकत

रूस के साथ लंबी भू-सीमा साझा करने वाला फिनलैंड अगर नाटो में शामिल होता है तो रूस के साथ नाटो की सीमा दोगुनी हो जाएगी। यही कारण है कि रूस ने सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल ही में कहा कि अगर उनका देश युद्ध से पहले नाटो में शामिल हो जाता तो यह युद्ध होता ही नहीं। नाटो में शामिल होने की यूक्रेन की घोषणा के बाद रूस के साथ उसका तनाव शुरू हुआ था जो आगे चलकर भीषण युद्ध में बदल गया जिसे रूस ने 'सैन्य कार्रवाई' का ही नाम दिया था।

शीतयुद्ध के दौरान तटस्‍थ रहे थे फिनलैंड और स्‍वीडन

यूरोप की सुरक्षा में पिछले कई दशक में यह बहुत बड़ा बदलाव होने जा रहा है। फिनलैंड और स्‍वीडन पूरे शीतयुद्ध के दौरान भी तटस्‍थ रहे थे लेकिन यूक्रेन की जंग के बाद ये दोनों देश पूरी तरह से पश्चिमी देशों के खेमे में जा रहे हैं। रूस में ब्रिटेन के पूर्व राजदूत सर टोनी ब्रेंटन ने कहा कि रूस नाटो को अपने खतरे के रूप में और ज्‍यादा देखने लगेगा। उन्‍होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध से यह साबित हो गया है कि रूस की परंपरागत सेना वह परिणाम नहीं दे पा रही है, जिसकी पुतिन ने कल्‍पना की थी। ऐसे में रूस बहुत चिंतित होगा।

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