नेपाल में प्रचंड ने चीन को दिखाया ठेंगा, केपी शर्मा ओली के खिलाफ तेज करेंगे आंदोलन

अब शक्तिशाली धड़े के नेता प्रचंड ने विरोध के अगले दौर के आंदोलन की घोषणा कर दी है। इससे पहले शुक्रवार को संवैधानिक राजशाही और हिंदू राष्ट्र की बहाली के लिए काठमांडू में प्रदर्शन किए गए। प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने ओली के संसद भंग करने की आलोचना की गई।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 02 Jan 2021 05:45 PM (IST) Updated:Sat, 02 Jan 2021 10:34 PM (IST)
नेपाल में प्रचंड ने चीन को दिखाया ठेंगा, केपी शर्मा ओली के खिलाफ तेज करेंगे आंदोलन
पुष्प कमल दहल प्रचंड और केपी शर्मा की फाइल फोटो।

 काठमांडू, एएनआइ। नेपाल में कम्युनिस्ट पार्टी के दोनों धड़ों में सुलह कराने की चीन की कोशिशों पर पानी फिर गया है। चीन को ठेंगा दिखाते हुए पुष्प कमल दहल प्रचंड धड़े ने दूसरे दौर के प्रदर्शन को हरी झंडी दिखा दी है। कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचंड धड़े ने घोषणा की है कि वे अपने आंदोलन के दूसरे दौर की घोषणा कर रहे हैं। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के नेता हिमल शर्मा ने कहा कि आंदोलन की पूरी रणनीति बना ली गई है। 

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रयास भी एक न कर सके ओली और प्रचंड को

ज्ञात हो कि नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी ने निचले सदन को भंग करने की घोषणा की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक दर्जन से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दो धड़ों में बंटना चीन को रास नहीं आया। पिछले दिनों चीन के विदेश मंत्रालय ने पिछले सोमवार को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के उप नेता के काठमांडू दौरे का समर्थन किया। इसके प्रयास भी पार्टी के दोनों धड़ों में एका कराने में सफल नहीं हो सके। चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की एक पड़ोसी होने के नाते मदद की जा रही है। 

 इससे पहले शुक्रवार को संवैधानिक राजशाही और हिंदू राष्ट्र की बहाली के लिए काठमांडू में प्रदर्शन किए गए। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के संसद भंग करने की जमकर आलोचना की गई।

आरपीपी के अध्यक्ष कमल थापा तथा पशुपति शमशेर राणा ने नेपाल को फिर से हिंदू राष्ट्र घोषित करने तथा संवैधानिक राजशाही बहाल करने की मांग की थी। नेताओं ने कहा था कि देश में लोकतंत्र की रक्षा करने तथा राजनीतिक स्थिरता के लिए हिंदू राष्ट्र और संवैधानिक राजशाही की बहाली के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

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