कोरोना रोगियों में मिली जेली में दिखा इलाज का नया रास्ता, जानें इसके बारे में

बॉयोलॉजिकल केमिस्ट्री पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार जेली में हायलूरोनन नामक पदार्थ की मौजूदगी पाई गई है। यह पदार्थ सामान्य रूप से शरीर में पाया जाता है। यह जख्मों के भरने की प्रारंभिक प्रक्रिया में शामिल होता है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 07 Oct 2020 07:22 PM (IST) Updated:Wed, 07 Oct 2020 07:22 PM (IST)
कोरोना रोगियों में मिली जेली में दिखा इलाज का नया रास्ता, जानें इसके बारे में
कोरोना रोगियों में मिला कोरोना का इलाज।

स्वीडन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) और श्वसन तंत्र के फेल होने के चलते जान गंवाने वाले कुछ रोगियों के फेफड़ों में एक जेली की उत्पत्ति पाई गई है। अब शोधकर्ताओं का मानना है कि इसके जरिये कोरोना इलाज के लिए एक नया रास्ता खुल सकता है। इस जेली में एक सक्रिय एजेंट पाया गया है, जो एक नए प्रभावी इलाज के विकास के लिए कुंजी साबित हो सकता है।

स्वीडन की उमेओ यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता उर्बन हेलमैन ने कहा, 'पहले से ही कई उपचार हैं, जो शरीर में इस जेली की उत्पत्ति की प्रक्रिया को धीमा कर सकते हैं या एक एंजाइम के जरिये इसे तोड़ा जा सकता है।' शोधकर्ताओं ने गंभीर रूप से पीडि़त कोरोना पीडि़तों के फेफड़ों में सफेद धब्बे पाए हैं। फेफड़ों में जांच में यह बात सामने आई है। इसके अलावा कोरोना से जान गंवाने कुछ मरीजों के फेफड़ों को लिक्विड जेली से भरा पाया गया है। पहले यह पता चल नहीं पाया था कि इस जेली की उत्पत्ति कहां होती है।

बॉयोलॉजिकल केमिस्ट्री पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, जेली में हायलूरोनन नामक पदार्थ की मौजूदगी पाई गई है। यह पदार्थ सामान्य रूप से शरीर में पाया जाता है। यह जख्मों के भरने की प्रारंभिक प्रक्रिया में शामिल होता है। हायलूरोनन जेली जैसे पदार्थ की उत्पत्ति भी कर सकता है। इसी प्रक्रिया के नतीजन कोरोना रोगियों को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है और श्वसन तंत्र के फेल होने पर जान तक जा सकती है। 

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