नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रीमंडल में बड़ा फेरबदल, नौ मंत्रियों को किया बाहर

बीमार चल रहे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 11:37 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 11:37 PM (IST)
नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रीमंडल में बड़ा फेरबदल, नौ मंत्रियों को किया बाहर
नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के मंत्रीमंडल में बड़ा फेरबदल, नौ मंत्रियों को किया बाहर

 काठमांडू, रायटर। बीमार चल रहे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने गुरुवार को अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है। इस फेरबदल में छह कैबिनेट और तीन राज्यमंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। माना जा रहा है कि फेरबदल के जरिये प्रधानमंत्री ओली की कोशिश सरकार पर अपनी पकड़ को मजबूत रखना और पार्टी के अंदरूनी मतभेदों को कम करना है। ओली के आलोचकों का कहना है कि सहयोगी दल लगातार प्रधानमंत्री पर सवाल उठा रहे थे। इसीलिए उन्होंने अपने वफादारों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ओली ने 2007 में भारत में किडनी ट्रांसप्लांट कराई थी। इसके बाद से ही उनकी सेहत खराब बताई जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ओली जल्द ही अपना इलाज करवा सकते हैं। उनके कार्यालय से इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

सचिवालय के सत्रह सदस्यों से लिया गया था इस्‍तीफा

पिछले दिनों पीएम केपी शर्मा ओली के सचिवालय के सत्रह सदस्यों ने अपना इस्तीफा दे दिया है। ये 17 नवंबर से प्रभावी हो गया। ये अभूतपूर्व कदम प्रधानमंत्री ओली की सरकार और स्वास्थ्य की स्थिति पर बढ़ती आलोचना के समय आया है। इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ सलाहकारों में से एक ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि पीएम ओली ने खुद उनसे इस्तीफा देने को कहा।

इन अधिकारियों ने दिया था इस्तीफा

प्रधान मंत्री के मुख्य सलाहकार विष्‍णु रिमल, विदेश मामलों के सलाहकार राजन भट्टारी, जनसंपर्क अधिकारी अच्युत मेनली, निजी सचिव इंद्र भंडारी, प्रेस सलाहकार कुंदन आर्यल, सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार असगर अली उन सचिवालय सदस्यों में से हैं जिन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।

सातों प्रांतों में नए गवर्नरों की हुई नियुक्ति

हाल में नेपाल के सातों प्रांतों में ओली सरकार ने नए गवर्नरों की नियुक्ति की थी। दरअसल, नेपाल सरकार ने सभी राज्यपालों को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद नए राज्यपालों की नियुक्ति की गई थी। सरकार ने पहले आपातकाली बैठक बुलाई इसके बाद ये फैसला लिया गया। बता दें कि सोमनाथ अधिकारी को प्रांत 1, तिलक परियारप्रांत 2, बिष्णु प्रसाद प्रांत 3, गंडकी प्रांत का आमिक शेरचन, प्रांत 5 का धर्मनाथ यादव, गोविंदा कलौनी प्रांत 6 और शर्मिला कुमारी की प्रांत 7 के गवर्नर के तौर पर नियुक्ति की गई थी।

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