सिख हकीम हत्याकांड में खंगाला जा रहा 4,000 लोगों का मोबाइल डाटा, क्लीनिक में ही गोली मारकर हुई थी हत्या

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में हुई सिख हकीम की हत्या में पुलिस ने चार हजार लोगों को चिन्हित किया है। पुलिस का दावा है कि हत्यारों तक पहुंचने के लिए सभी संदिग्धों का मोबाइल डाटा खंगाला जा रहा है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 08:29 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 08:34 PM (IST)
सिख हकीम हत्याकांड में खंगाला जा रहा 4,000 लोगों का मोबाइल डाटा, क्लीनिक में ही गोली मारकर हुई थी हत्या
सिख हकीम हत्याकांड में खंगाला जा रहा 4,000 लोगों का मोबाइल डाटा।

पेशावर, एजेंसी। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में हुई सिख हकीम की हत्या में पुलिस ने चार हजार लोगों को चिन्हित किया है। पुलिस का दावा है कि हत्यारों तक पहुंचने के लिए सभी संदिग्धों का मोबाइल डाटा खंगाला जा रहा है। पेशावर के चारसद्दा रोड पर धरमंदर फार्मेसी का संचालन करने वाले सरदार सतनाम सिंह (खालसा) यूनानी पद्धति से इलाज करते थे। वह सिख समाज में काफी लोकप्रिय थे। 30 सितंबर को 45 वर्षीय सतनाम सिंह की क्लीनिक में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

उनकी हत्या की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट-खुरासान ने ली है। पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि 15 अधिकारियों की चार टीमें हत्याकांड की जांच में जुटी हैं। तीन टीमें खुफिया जानकारी जुटाने व मोबाइल डाटा (सूचनाएं व आंकड़े) इकट्ठा करने के साथ-साथ संदिग्धों से पूछताछ कर रही हैं, जबकि चौथी टीम को पेशावर व उसके आसपास के इलाकों से संदिग्धों की धर-पकड़ में लगाया गया है। पुलिस ने धरमंदर क्लीनिक के कर्मचारियों से पूछताछ की है और मरीजों के संबंध में जानकारियां भी इकट्ठा जुटाई हैं।

बता दें कि अफगानिस्तान से संबद्ध इस्लामिक स्टेट खोरासान (आइएस-के) ने पाकिस्तान के पेशावर शहर में जाने-माने सिख हकीम की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। तालिबान के काबुल में 15 अगस्त को सत्ता पर काबिज होने के बाद से आइएस-के ने कई अफगान शहरों में हमले तेज कर दिए हैं। इस आतंकी संगठन ने 26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमला करने का भी दावा किया था। इस हमले में करीब 178 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे।

हाल के वर्षों में हुए कुछ सबसे जानलेवा हमलों के लिए इस्लामिक स्टेट की खुरासान शाखा को ज़िम्मेदार ठहराया गया है। इनके निशाने पर लड़कियों के स्कूल, अस्पताल और यहां तक कि अस्पताल का एक जचगी (मैटरनिटी) वार्ड तक रहा है। मैटरनिटी वार्ड पर हमले में इसके लड़ाकों ने गर्भवती महिलाओं और नर्सों को गोली मार दी थी। आईएसआईएस-के तालिबान की तरह नहीं है जिसने अपनी हदें अफगानिस्‍तान तक सीमित रखी हैं। ये संगठन इस्लामिक स्टेट के वैश्विक नेटवर्क का हिस्सा है जिसका मकसद पश्चिमी, अंतरराष्ट्रीय और मानवतावादी ठिकानों को निशाना बनाना है, चाहे वे कहीं भी हों।

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