बेरुत धमाके से बेहाल लेबनान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने झोली खोली, नाराज जनता का जारी है प्रदर्शन

वैश्विक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने 298 मिलियन डॉलर (करीब 22 अरब 326 करोड़ रुपये) की आपात मानवीय सहायता का भरोसा दिलाया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 07:21 PM (IST) Updated:Mon, 10 Aug 2020 07:48 PM (IST)
बेरुत धमाके से बेहाल लेबनान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने झोली खोली, नाराज जनता का जारी है प्रदर्शन
बेरुत धमाके से बेहाल लेबनान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने झोली खोली, नाराज जनता का जारी है प्रदर्शन

फोर्ट ब्रेगनॉन, एजेंसियां। बेरुत धमाके से बेहाल लेबनान की मदद के लिए दुनिया ने अपनी झोली खोल दी है। वैश्विक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने 298 मिलियन डॉलर (करीब 22 अरब, 326 करोड़ रुपये) की आपात मानवीय सहायता का भरोसा दिलाया है। यहां एक शर्त भी है। पैसे तभी मिलेंगे, जब लेबनान सरकार राजनीतिक और आर्थिक सुधारों का वादा करे। यह लेबनानी जनता की बड़ी मांग है। 

मदद जरूरतमंदों तक पहुंचे, इसकी निगरानी करे संयुक्त राष्ट्र

रविवार को आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में 30 भागीदार थे। इसमें बेरुत धमाके की स्वतंत्र और विश्वसनीय जांच के लिए भी मदद का प्रस्ताव किया गया। यह भी लेबनानी जनता की एक प्रमुख मांग है, जो इसके लिए शनिवार-रविवार को सड़कों पर अपना गुस्सा जाहिर कर रही थी। लेबनान की सूचना मंत्री के बाद पर्यावरण मंत्री ने भी यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि मौजूदा व्यवस्था नाकाम हो गई है। अभी कुछ और इस्तीफों की अटकलें लगाई जा रही हैं। 

दानदाताओं की चिंता

पहले से ही राजनीतिक और आर्थिक संकट से बेहाल लेबनान की मदद के लिए दुनिया तैयार है, लेकिन दानदाता लेबनान में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार से आशंकित हैं। कुछ देश लेबनान में ईरानी प्रभाव को लेकर भी चिंतित हैं। बहरहाल, फ्रांस और संयुक्त राष्ट्र की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के अंतिम वक्तव्य में कहा गया कि भारी संकट के समय लेबनान अकेला नहीं है। अंतरराष्ट्रीय मदद सीधे आम लोगों तक पहुंचे। इसकी निगरानी संयुक्त राष्ट्र करे। 

हिंसा की जीत न हो

इससे पहले, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि हिंसा और अराजकता की जीत नहीं होनी चाहिए। चार अगस्त की घटना वज्रपात जैसी थी। यह सचेत होने और कदम उठाने का वक्त है। लेबनान सरकार को अब राजनीतिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनका देश चिकित्सकीय सामग्री, खाद्य वस्तुएं और पेयजल की अतिरिक्त मदद भेजने जा रहा है। कांफ्रेंस में जॉर्डन, मिस्त्र, चीन, यूरोपियन यूनियन और कई अरब देशों ने भी भाग लिया। वहीं, ईरान ने संयुक्त राष्ट्र से लेबनान पर लगे प्रतिबंध हटाने की मांग की है।

ऐतिहासिक पैलेस भी तबाह

बेरुत, एपी : चार अगस्त को बेरुत में हुए धमाके में 160 साल पुराना ऐतिहासिक सुरसॉक पैलेस भी नष्ट हो गया। लेबनान की राजधानी में स्थित सर्वाधिक महत्वपूर्ण इमारतों में से एक सुरसॉक पैलेस के मालिक रोड्रिक सुरसॉक ने कहा कि एक पल में सब खत्म हो गया। 1975-1990 के गृहयुद्ध के बाद सुरसॉक पैलेस का पुराना गौरव लौटाने के लिए इसकी मरम्मत कराई गई थी। इसमें 20 साल का वक्त लगा था।

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