जानिए इन दिनों इटली में क्यों सबसे अधिक ट्रेंड कर रहा #Andratuttobene

इटली में कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद वहां रहने वाले हर व्यक्ति को ये उम्मीद है कि जल्द ही सबकुछ पहले जैसा हो जाएगा और शहर की रौनक लौट आएगी।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 12:51 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 12:51 PM (IST)
जानिए इन दिनों इटली में क्यों सबसे अधिक ट्रेंड कर रहा #Andratuttobene
जानिए इन दिनों इटली में क्यों सबसे अधिक ट्रेंड कर रहा #Andratuttobene

रोम। दुनियाभर के लोग कोरोना वायरस के खौफ से परेशान है। चीन के बाद इटली ही वो देश है जहां सबसे अधिक इसके शिकार हो रहे हैं। जब से इटली में कोरोना वायरस का प्रकोप शुरू हुआ है तब से वहां की सोशल मीडिया में #Andratuttobene (हैशटैग "जल्द ही स्थिति बेहतर हो जाएगी") ट्रेंड कर रहा है। इस हैशटैग के साथ इटली के लोग इंद्रधनुष के रंग के इमोजी भी शेयर कर रहे हैं।

साथ ही ये दुआ भी मांग रहे हैं कि जल्द से जल्द इस महामारी से निजात मिल जाए और वो वापस अपनी हंसती खेलती दुनिया जी सकें। सभी की प्रार्थना यही है कि ये दौर जल्द गुजर जाए और सब कुछ पहले की तरह सामान्य हो जाए, लेकिन ऐसा कब तक हो पाएगा ये किसी को नहीं पता। इटली की स्थानीय मीडिया और डीडब्ल्यूए की रिपोर्ट के अनुसार 23 मार्च के बाद से ही ये शब्द यहां ट्रेंड कर रहा है।

इटली में मृतकों को अंतिम विदाई भी नहीं दे पा रहे हैं प्रियजन

जब कोई ऐसे व्यक्ति की मौत हो जाती है, जिसे आप प्यार करते हैं तो उसे आखिरी बार देखना और उसे पूरे सम्मान के साथ विदा करना आपके लिए सबसे जरूरी हो जाता है लेकिन कोरोना वायरस की महामारी के कारण अपने प्रियजन को अंतिम विदाई देने का मौका भी इटली के लोगों पास से छिन गया है। ये एक तरह से मृतक को दिए जाने वाला सम्मान छीनने और परिवार के लोगों का दुख बढ़ाने जैसा है।

दो बार मार रही महामारी

इटली में एंड्रीया सेराटो मिलान में फ्यूनरल होम अंडरटेकर का काम करते हैं, उनका कहना है कि महामारी आपको एक नहीं बल्कि दो बार मारती है। ये महामारी बहुत दुखदायी है। ये बीमारी मरने से ठीक पहले आपको अपने सभी प्रियजनों से अलग-थलग करती है फिर ये किसी को आपके पास आने नहीं देती। परिवारों के लिए ये बेहद मुश्किल समय होता है और उनके लिए ये स्वीकार करना दुखदायक होता है। 

अकेले में ही आ रही मौत

इटली में COVID-19 के कारण मरने वाले कई लोगों के पास आखिरी वक्त में उनके परिवार का कोई सदस्य या कोई मित्र नहीं था। उनसे किसी दूसरे को संक्रमण न फैले इसलिए अस्पताल में लोगों के उनसे मिलने आने पर भी पाबंदी लगाई गई थी। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि शव में वायरस का संक्रमण नहीं होता, लेकिन फिर भी ये वायरस मरने वाले व्यक्ति के कपड़ों पर कुछ घंटों के लिए जीवित रह सकता है।

क्रेमोना में अंडरटेकर के तौर पर काम करने वाले (शव को अंतिम संस्कार के लिए तैयार करने का काम करने वाले) मसिमो मनकैस्ट्रोपा कहते हैं कि कई परिवार हमसे पूछते हैं कि क्या वे एक आखिरी बार अपने प्रियजन को देख सकते हैं लेकिन इन्हें इसकी इजाजत नहीं मिलती क्योंकि इस पर पाबंदी है। हर जगह पर ये होता है कि यदि किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो शव को परिजन उस व्यक्ति के पसंदीदा कपड़े पहनाते हैं उसे सजाते हैं और फिर उसका अंतिम संस्कार करते हैं।

लेकिन इटली में अभी कोरोना से मरने वालों का अंतिम संस्कार उनके पसंदीदा कपड़ों में नहीं किया जा सकता, उन्हें अस्पताल के ही गाउन में चुपचाप दफनाया जा रहा है। अंडरटेकर मसिमो का कहना है कि जो लोग भी शव को सजाने या अच्छे कपड़े पहनाने के लिए कहते हैं वो हम शव के ऊपर वो कपड़े डाल देते हैं जो परिवार वाले हमें देते हैं ताकि ऐसा लगे कि मरने वाले ने कपड़े पहने हुए हैं।  

जनाजा निकालने पर प्रतिबंध

वायरस को फैलने से रोकने के लिए इटली ने एक आपातकालीन राष्ट्रीय कानून लागू किया है जिसके तहत जनाजा निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। रोमन कैथोलिक मूल्यों को मानने वाले किसी देश के लिए ये अभूतपूर्व है।

दिन में कम से कम एक बार ऐसा होता है जब सेराटो किसी शव को दफनाते हैं और कोई परिजन आसपास नहीं दिखता, क्योंकि हर कोई क्वारंटीन में है। मसिमो कहते हैं कि वो जितना संभव हो सके इस तरह की स्थिति से बचने की कोशिश करते हैं। वो अपनी कार में ताबूत लेकर चर्च पहुंचते हैं और कार के पीछे का दरवाजा खोल कर पादरी से गुजारिश करते हैं कि वो वहीं पर मृतक के लिए प्रार्थना करें।

इटली में ताबूत ही ताबूत

इटली में मुर्दाघर शवों से भर गए हैं और मरने वालों की संख्या रोजाना ही बढ़ती जा रही है। यहां 23 मार्च के बाद से अब तक कोरोना वायरस के कारण 8 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जो किसी भी देश से अधिक है। उत्तरी इटली में अस्पतालों के मुर्दाघर शवों से भर गए हैं। मसिमो कहते हैं कि क्रेमोना में अस्पताल के पास मौजूद चर्च किसी गोदाम की तरह दिखने लगे हैं।

एक के बाद एक ताबूत चर्च में आ रहे हैं। इटली में सबसे अधिक मामले बर्गेमो में दर्ज किए गए हैं जहां मदद के लिए सेना को बुलाना पड़ा है। यहां शहर से सभी कब्रिस्तानों में जगह कम पड़ रही है। पिछले सप्ताह एक रात सेना के ट्रकों में 70 से अधिक ताबूतों को शहर की गलियों से होते निकाला गया। इनमें से हर ताबूत में किसी के मित्र या रिश्तेदार का शव था जो नजदीकी शहर में दफनाने के लिए ले जाया जा रहा था।

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