जापान ने म्यांमार की सेना से लोकतंत्र बहाल करने, बंदियों को रिहा करने का आह्वान किया

जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत का आह्वान किया और म्यांमार से रचनात्मक प्रतिक्रिया के लिए अपनी मजबूत उम्मीदें व्यक्त कीं। जापान-मेकांग बैठक में कंबोडिया लाओस म्यांमार थाईलैंड और वियतनाम शामिल रहे।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 07 Aug 2021 09:35 AM (IST) Updated:Sat, 07 Aug 2021 09:36 AM (IST)
जापान ने म्यांमार की सेना से लोकतंत्र बहाल करने, बंदियों को रिहा करने का आह्वान किया
जापान ने म्यांमार की सेना से लोकतंत्र बहाल करने, बंदियों को रिहा करने का आह्वान किया

नैप्यीटाव(म्यांमार), एएनआइ। जापान ने शुक्रवार को म्यांमार की सेना से 1 फरवरी के तख्तापलट के बाद से हिरासत में लिए गए लोगों को मुक्त करने और मेकांग नदी के किनारे पांच दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के विदेश मंत्रियों के साथ एक बैठक के दौरान देश में लोकतंत्र बहाल करने का आग्रह किया, जिसमें म्यांमार के सैन्य-नियुक्त प्रतिनिधि ने भाग लिया था। क्योडो न्यूज ने जापानी विदेश मंत्रालय के बयान का हवाला देते हुए बताया, 'जापानी विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी ने सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत का आह्वान किया और म्यांमार से रचनात्मक प्रतिक्रिया के लिए अपनी मजबूत उम्मीदें व्यक्त कीं।'

बयान में कहा गया है कि मोतेगी ने हिंसा को तत्काल समाप्त करने सहित संकट से निपटने के तरीके पर पांच सूत्री सहमति को लागू करने के लिए आसियान की पहल के लिए जापान के समर्थन को दोहराया। क्योडो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, जापान-मेकांग बैठक में कंबोडिया, लाओस, म्यांमार, थाईलैंड और वियतनाम शामिल रहे।

इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी आसियान सदस्यों से म्यांमार में सैन्य शासन को दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के पांच सूत्री सहमति के लिए जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया था। बुधवार को आसियान के विदेश मंत्रियों ने देश में राजनीतिक संकट को सुलझाने में मदद करने के लिए ब्रुनेई के दूसरे विदेश मंत्री एरीवान युसोफ को म्यांमार का विशेष दूत नियुक्त किया, हालांकि यह अभी तय नहीं हुआ है कि वह वहां कब जाएंगे।

इस बीच, म्यांमार के सैन्य नेता मिन आंग ह्लाइंग ने इस सप्ताह की शुरुआत में खुद को देश का प्रधान मंत्री घोषित किया और कहा कि 2023 में चुनाव कराने से पहले आपातकाल की विस्तारित स्थिति के दौरान उनकी दो साल के लिए प्रभारी बनने की योजना है। 1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने असैन्य सरकार को उखाड़ फेंका और एक साल तक चलने वाले आपातकाल की घोषणा की। तख्तापलट के कारण बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जिसे देश में सेना द्वारा जुल्म से समाप्त कर दिया गया।

असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (AAPP) के अनुसार, 1 फरवरी को सैन्य अधिग्रहण के बाद से 945 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।

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