13 हजार किमी तक मार कर सकती उत्तर कोरिया की हॉसॉन्ग मिसाइल, खतरे में यूएस

उत्तर कोरिया ने हॉसॉन्गज-15 मिसाइल का सफल परीक्षण कर दक्षिण कोरिया और जापान समेत अमेरिका की भी चिंता बढ़ा दी है। जानिए क्यों ।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Wed, 29 Nov 2017 01:19 PM (IST) Updated:Wed, 29 Nov 2017 06:47 PM (IST)
13 हजार किमी तक मार कर सकती उत्तर कोरिया की हॉसॉन्ग मिसाइल, खतरे में यूएस
13 हजार किमी तक मार कर सकती उत्तर कोरिया की हॉसॉन्ग मिसाइल, खतरे में यूएस

नई दिल्‍ली (स्‍पेशल डेस्‍क)। उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से मिसाइल परीक्षण कर जहां अपनी मंशा जता दी है वहीं इस परीक्षण के बाद दक्षिण कोरिया समेत जापान में दहशत का माहौल है। इस मिसाइल परीक्षण के बाद अमेरिका को सीधेतौर पर खतरा बढ़ गया है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इस बार उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल का परीक्षण किया है वह न सिर्फ पहले से ज्‍यादा उन्‍नत है बल्कि ज्‍यादा घातक भी है। यह एक इंटर कॉंटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल आईसीबीएम थी जिसका नाम हॉसॉन्‍ग-15 बताया गया है। इस मिसाइल परिक्षण के बाद दक्षिण कोरिया के राष्‍ट्रपति मून ने अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से करीब 20 मिनट तक बात की और अपनी चिंता भी जताई। इस दौरान उन्‍होंने अमेरिका से उत्तर कोरिया पर फिर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्‍होंने ने यहां तक कहा है कि यदि उत्तर कोरिया बातचीत की मेज पर आता है तो सभी का भविष्‍य उज्जवल हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ इस मिसाइल के सफल परीक्षण से उत्साहित किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया को एक न्‍यूक्लियर स्‍टेट घोषित कर दिया है। मिसाइल परिक्षण के बाद उन्‍होंने इसके लिए वैज्ञानिकों को बधाई भी दी है। 

13 हजार किमी की दूरी तक जा सकती है मिसाइल

रक्षा विशेषज्ञ सी उदय भास्‍कर की नजर में उत्तर कोरिया का ताजा मिसाइल परीक्षण काफी शक्तिशाली है। उन्‍होंने सीधेतौर पर इसको अमेरिका के लिए एक बड़ा खतरा बताया है। दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्‍होंने बताया कि यह मिसाइल आईसीबीएम रेंज की है। इस लिहाज से यह दस हजार या इससे भी ज्‍यादा किमी तक जा सकती है। इन हालातों में यह अमेरिका के लिए सीधा खतरा है। उनके अलावा योनहैप एजेंसी ने वैज्ञानिक डेविड राइट के ब्‍लॉग के हवाले से बताया है कि यदि आंकड़े सही हैं तो इस मिसाइल की रेंज करीब 13 हजार किमी तक हो सकती है।

ISS से तिगुनी ऊंचाई तक गई हॉसॉन्‍ग 15

यहां पर आपको बता दें कि किम जोंग उन के नेतृत्‍व में उत्तर कोरिया अब तक दर्जनों परमाणु परीक्षण कर चुका है। इस बार उसने इंटर कॉंटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल हॉसॉन्‍ग 15 का परिक्षण किया है जो जापान के स्‍पेशल इकॉ‍नमिक जोन में जाकर गिरी है। यह मिसाइल परिक्षण इसलिए भी खास है क्‍योंकि यह करीब 4475 किमी की ऊंचाई तक गई जो कि इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन से भी तीगुनी ऊंचाई है। इसके अलावा इसने करीब 950 किमी की दूरी तय करने में करीब 53 मिनट का समय लगाया। इस लिहाज से भी यह उत्तर कोरिया की अब तक की सबसे उन्नत परमाणु मिसाइल है। यह मिसाइल हॉसॉन्‍ग 14 का ही उन्‍नत स्‍वरूप है। इस मिसाइल को लोफ्टेड एंगल से दागा गया था। जानकारों के मुताबिक यदि इसको स्‍टेंडर्ड तरीके से दागा जाता तो यह दस हजार किमी से अधिक ऊंचाई तक चली जाती। 

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पहले से ही मिल रहे थे मिसाइल परीक्षण के संकेत

यहां पर हम आपको यह भी बता देते हैं कि इस मिसाइल परीक्षण से पहले ही जापान को इस तरह के संकेत मिल रहे थे कि प्योंगयांग एक और मिसाइल परीक्षण की तैयारी कर रहा है। हालांकि किसी भी उपग्रह से परीक्षण स्थल पर इस तरह की किसी गतिविधि का पता नहीं लग सका था। इसी तरह के संकेत सियोल, टोक्यो और वाशिंगटन की सैन्य खुफिया एजेंसियों को भी हासिल हुए थे। उत्तर कोरिया के ताजा प‍रीक्षण के बाद अमेरिकी रक्षा मंत्री ने एक बार फिर कहा कि किम की कारगुजारियों से पूरी दुनिया को खतरा पैदा हो गया है।

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खुद को बताया न्‍यूक्लियर पावर

सफल मिसाइल टेस्‍ट से उत्‍साहित किम ने अपने संदेश में कहा है कि य‍ह मिसाइल अमेरिका के किसी भी हिस्‍से को निशाना बना सकती है। हालांकि अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस मिसाइल से अमेरिका को कोई खतरा नहीं है। यह मिसाइल परीक्षण हमेशा की ही तरह किम जोंग उन की देखरेख में ही किया गया है। इसके सफल परीक्षण के बाद किम ने यह भी कहा है कि इस मिसाइल परीक्षण के बाद आखिरकार हमने न्‍यूक्लियर पावर होने का अहसास हो रहा है। उन्‍होंने उत्तर कोरिया को एक उत्तरदायी परमाणु ताकत करार दिया है, जो अपने देश की रक्षा करना जानता है। इस दौरान किम ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए ही मिसाइलें और घातक हथियार विकसित किए हैं। उन्‍होंने इस मौके पर अमेरिका को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अमेरिका परमाणु हमले की धमकी देकर बार-बार उत्तर कोरिया को धमकाता रहा है।

पहले भी कर चुका है हाइड्रोजन बम का परीक्षण

गौरतलब है कि 3 सितंबर को भी उत्तर कोरिया ने सबसे ताकतवर हाइड्रोजन बम का परीक्षण किया था। यह परीक्षण करीब 100 किलोटन के हाईड्रोजन बम का था। इस परीक्षण के बाद उत्तरी हमक्योंग प्रांत के किजी इलाके में करीब 5.7 और 4.6 तीव्रता के भूकंप महसूस किए गए थे। यह परीक्षण जनवरी में किए गए परमाणु परीक्षण से करीब 11.8 गुणा अधिक शक्तिशाली था। इतना ही नहीं यह बम जापान में दूसरे विश्‍व युद्ध के दौरान गिराए गए परमाणु बमों से भी करीब पांच गुणा शक्तिशाली था। इसके अलावा 15 सितंबर को भी उत्तर कोरिया की तरफ से एक बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण किया गया था। यह मिसाइल जापान के होकाइडो द्वीप ऊपर से गुजरी थी। इस साल उसका यह 14वां बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण था। उस वक्‍त जापान के नागरिकों को चेतावनी देने के लिए लगाए गए सायरन बज उठे थे। उस वक्‍त भी दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंध लगाने की भी अपील की थी। उत्तर कोरिया इससे पहले 2006, 2009, 2013 और 2016 में परमाणु बमों का परीक्षण कर चुका है।

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