सीरिया में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बाहरी तत्वों की भूमिका चिंताजनक : भारत

सीरिया (राजनीतिक) पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में संयुक्त सचिव (संरा आर्थिक एवं सामाजिक) श्रीनिवास गोटरूने कहा कि पश्चिम एशिया में लंबे समय तक सुरक्षा और स्थिरता तभी कायम की जा सकती है जब युद्धग्रस्त देश की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा की जा सके।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 01:46 AM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 01:46 AM (IST)
सीरिया में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बाहरी तत्वों की भूमिका चिंताजनक : भारत
सीरिया में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बाहरी तत्वों की भूमिका चिंताजनक : भारत

न्यूयार्क, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र (United Nation) में मंगलवार को भारत ने सीरिया (Syria) में आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले बाहरी तत्वों की भूमिका पर चिंता जताई और कहा कि वहां ISIS और हयात तहरीर अल-शाम जैसे कुख्यात आतंकवादी संगठन मजबूत हो रहे हैं। साथ ही भारत ने यह भी कहा  कि देश में लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष का सैन्य समाधान नहीं हो सकता है।

सीरिया (राजनीतिक) पर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में संयुक्त सचिव (संरा आर्थिक एवं सामाजिक) श्रीनिवास गोटरू ( Srinivas Gotru) ने कहा कि पश्चिम एशिया में लंबे समय तक सुरक्षा और स्थिरता तभी कायम की जा सकती है जब युद्धग्रस्त देश की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा की जा सके। उन्होंने कहा, 'हम सीरिया में बाहरी कारकों की संलिप्तता और सीरिया तथा क्षेत्र में आतंकवाद में बढ़ोतरी पर इसके प्रभाव का जिक्र कर रहे हैं। आइएसआइएस और हयात तहरीर अल-शाम जैसे कुख्यात आतंकवादी संगठन सीरिया में मजबूत हो रहे हैं और महासचिव की हाल की रिपोर्ट में उनकी गतिविधियों का जिक्र किया गया है।'

गोटरू ने कहा, 'यह गंभीर चिंता की बात है और इस पर ध्यान देने एवं कार्रवाई किए जाने की जरूरत है जो आइएसआइएस के  अभियान का मुख्य हिस्सा है जिसमें सीरिया भी शामिल है। बता दें कि सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडर्सन ने ऐलान किया है कि संघर्ष प्रभावित इस देश में नये संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए बनाई गई समिति की छठी बैठक के लिए निमंत्रण जारी किए गए हैं।

सीरियाई सरकार, विपक्ष और सिविल सोसाइटी की पांच पिछली बैठकों के नाकाम रहने के बाद पेडर्सन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा, 'अब हम सभी को उम्मीद करनी चाहिए कि संविधान समिति संविधान का मसौदा बनाने की प्रक्रिया पर गंभीरता से काम करना शुरू करेगी।' उन्होंने कहा कि 45 सदस्यीय मसौदा समिति जिनेवा में 18 अक्टूबर से बैठक करेगी और इससे एक दिन पहले तैयारी करने के लिए सरकार तथा विपक्ष के सह-अध्यक्ष पहली बार उनके साथ मुलाकात करेंगे।

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