श्रीलंका में हुए आत्मघाती धमाकों के पीछे क्राइस्टचर्च हमला हो सकता है कारण - प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे

प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि जांचकर्ता एक अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा श्रीलंका में हुए आत्मघाती धमाकों के पीछे क्राइस्टचर्च हो सकती है वजह।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 03:50 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 07:04 PM (IST)
श्रीलंका में हुए आत्मघाती धमाकों के पीछे क्राइस्टचर्च हमला हो सकता है कारण - प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे
श्रीलंका में हुए आत्मघाती धमाकों के पीछे क्राइस्टचर्च हमला हो सकता है कारण - प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे

श्रीलंका,एएनआइ। एशियाई देश श्रीलंका रविवार को चर्च और होटलों में हुए सिलसिलेवार धमाकों से दहल गया। ईस्टर वाले दिन चर्चों और लक्जरी होटलों को निशाना बनाया गया, जिसमें कई सौ लोगों ने अपनी जान गंवा दी। इस हमले की साजिश रचने को लेकर कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसी बीच श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि दोषियों की पहचान करने के संबंध में जांचकर्ता एक अच्छी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा अमेरिका से शुरू हुई, अब कई देश हमारी मदद कर रहे हैं। वहीं उन्होंने ईस्टर वाले दिन हुए धमाकों में जान गंवाने लोगों के प्रति शोक व्यक्त किया।

एएनआइ समाचार एजेंसी के मुताबिक श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने भी माना है कि यह हमला क्राइस्टचर्च का बदला था। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका में हुए आत्मघाती धमाकों के पीछे यह संभव है कि यह क्राइस्टचर्च हमले के कारण हो सकता है, लेकिन अभी पुलिस पूछताछ कर रही है, इसलिए हम साफतौर पर यह नहीं कह सकते हैं। बता दें कि पिछले महीने न्‍यूजीलैंड के क्राइस्‍टचर्च शहर में एक ऑस्ट्रेलियाई बंदूकधारी ब्रेंटन टैरंट ने दो मस्जिदों में अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में 50 लोगों की मौत हो गई थी। हमले के वक्‍त मस्जिद में भारी तादाद में श्रद्धालु मौजूद थे।

बता दें कि श्रीलंका के उप रक्षा मंत्री रुवान विजयवर्धने ने भी मंगलवार को सुबह इस हमले के पीछे की वजह साफ कर दी थी। उन्होंने श्रीलंकाई संसद में बताया कि देश में हुए आत्मघाती बम धमाकों की प्रारंभिक जांच में यह साफ हुआ है कि ये क्राइस्टचर्च का बदला था। रक्षा मंत्री रुवान विजयवर्धने ने संसद को बताया था कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि श्रीलंका में रविवार को जो हुआ वो क्राइस्टचर्च में मुसलमानों के खिलाफ हुए हमले का बदला था।

ईस्टर वाले दिन श्रीलंका चर्च और होटलों में हुए सिलसिलेवार धमाकों से दहल गया। इसमें कम से कम 310 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 500 से अधिक लोग इसमें घायल बताए जा रहे थे। इन हमलों की भारत समेत पूरी दुनिया भर में निंदा हो रही है। अधिकतर दुनिया के सभी शक्तिशाली नेताओं ने श्रीलंका के साथ खड़े रहने की बात कही।

श्रीलंका के लिए रविवार का दिन किसी भयानक सपने से कम नहीं रहा होगा। देश में मारे गए लोगों के लिए मंगलवार को तीन मिनट का मौन रखा गया। बता दें कि रविवार को पहला धमाका कोलंबो में तीन चर्चों सेंट एंथनीज चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगोंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और पूर्वी शहर बैटलिकलोआ में एक और चर्च में हुआ। साथ ही पांच सितारा होटल, शांगरीला, द सिनामॉन ग्रैंड और द किग्सबरी में भी तीन विस्फोट किए गए।

धमाकों के बाद श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने आपात बैठक बुलाई, साथ ही कोलंबो में सेना के 200 जवानों को भी तैनात कर दिया गया था। श्रीलंका के राष्ट्रपति सीरीसेना ने कहा है कि हमले के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्रीलंका पुलिस के मुताबिक 8 बजकर 45 मिनट पर पहला धमाका हुआ। लेकिन एक के बाद एक आठ धमाकों से श्रीलंका में सनसनी फैल गई। हालांकि पुलिस ने बताया कि इस मामले में अब तक 40 संदिग्धाें को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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