पुलिस का निशाना बने लोकतंत्र समर्थक, दो प्रदर्शनकारियों को मारी गोली, तनाव बढ़ा

सोमवार को हांगकांग पुलिस ने दो लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को गोली मारी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना के बाद क्षेत्र में काफी तनाव व्‍याप्‍त है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Nov 2019 10:55 AM (IST) Updated:Mon, 11 Nov 2019 11:38 AM (IST)
पुलिस का निशाना बने लोकतंत्र समर्थक, दो प्रदर्शनकारियों को मारी गोली, तनाव बढ़ा
पुलिस का निशाना बने लोकतंत्र समर्थक, दो प्रदर्शनकारियों को मारी गोली, तनाव बढ़ा

हांगकांग, एजेंसी। हांगकांग में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें तेज हो गई है। सोमवार को हांगकांग पुलिस ने दो लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों को गोली मारी। इससे वह गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना के बाद क्षेत्र में काफी तनाव व्‍याप्‍त है। हाल में हांगकांग में पुलिस के साथ झड़प में एक छात्र की मौत के बाद यहां आम हड़ताल की घोषणा हुई और इसके बाद हालात काफी तनावपूर्ण हैं।

बता दें कि हाल में देर रात पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई हिंसक झड़प के बीच एक बहुमंजिला कार पार्किंग में गिरकर हांगकांग में एक छात्र की मौत हो गई थी। पिछले सप्‍ताह प्रदर्शनकारियों अौर हांगकांग पुलिस के बीच हिंसक झड़प के दौरान यह छात्र  बहूमंजिला इमारत से गिर गया था। घायल अवस्‍था में उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को अस्‍पताल ने उसे मृतक घोषित कर दिया।

पुलिस ने छात्र की पहचान कर लिया है। पुलिस ने उसका नाम एलेक्स चाउ बताया है। चाउ कंप्यूटर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्नातक कर रहा है। छात्र की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों एवं पुलिस के बीच तनाव बढ़ गया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प तब शुरू हुई जब देर रात प्रदर्शनकारियों ने बहुमंजिला पार्किंग से पुलिस पर वस्‍तुओं को फेंकना शुरू किया।

इसके बाद हांगकांग में बीजिंग समर्थक एक राजनेता जूनियस हो पर चाकूओं से प्रहार किया गया। इस हमले वह गंभीर रूप से जख्‍मी हो गए थे। इस घटना को हांगकांग में कई महीनों से चल रहे लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है। इस हमले का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। पुलिस न हमलावर को गिरफ्तार कर लिया था।

हालांकि सितंबर में हांगकांग में चीन की प्रतिनिधि कैरी लैम ने विवादित प्रत्यर्पण विधेयक वापस लेने का औपचारिक एलान कर दिया था। यही वह विधेयक है जिसके विरोध में पांच महीने से हांगकांग में आंदोलन चल रहा है। बाद में यह प्रदर्शन लोकतंत्र की मांग में तब्दील हो गया। दरअसल,इस विधेयक में प्रावधान था कि हांगकांग में दर्ज मुकदमे के लिए आरोपित को चीन ले जाकर वहां की कोर्ट में सुनवाई की जा सकती थी। हांगकांग के बड़े वर्ग ने माना कि यह उनकी लोकतांत्रिक मांगों को दबाने के चीन के षडयंत्र का हिस्सा है। पूर्व में प्रत्यर्पण विधेयक को चीन समर्थित सरकार ने स्थगित करने की घोषणा की थी लेकिन आंदोलन थमता न देख ताजा घोषणा की गई थी।

इस दोलन ने 70 लाख आबादी वाले हांगकांग को अस्त व्यस्त कर रखा है। आंदोलन में शामिल एक हजार से ज्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हांगकांग चीन का अर्ध स्वायत्त क्षेत्र है, जो सन 1997 में उसे ब्रिटेन से प्राप्त हुआ है।

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