Pterosaur Fossil: ऑस्ट्रेलिया में मिला उड़ने वाले टेरोसोर का जीवाश्म
Pterosaur Fossil ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं ने प्रागैतिहासिक काल के विशालकाय टेरोसोर का जीवाश्म खोजा है।
केनबरा, आइएएनएस। Pterosaur Fossil ऑस्ट्रेलिया में शोधकर्ताओं ने प्रागैतिहासिक काल के विशालकाय टेरोसोर का जीवाश्म खोजा है। माना जाता है कि 9.6 करोड़ साल पहले उड़ने वाले ये सरीसृप जीव आसमान पर लंबी दूरियां आसानी से तय कर लेते थे।
इस अध्ययन के मुख्य लेखक और मेलबर्न स्थित स्वाइनबर्न यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ता एडेल पेंटलैंड के मुताबिक, फेरोड्राको लेंटोनी नामक इन जीवों के चार मीटर के पंख होते थे और अपने चार हाथ-पांवों की मदद से ये पृथ्वी पर भी आसानी से चल-फिर लेते थे।
द कंजरवेशन नामक जर्नल में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि इस नई प्रजाति के जीव और इंग्लैंड में पाए गए अन्य सरीसृप जीवों के जीवाश्मों में काफी समानताएं हैं। इसका अर्थ है कि ये सरीसृप जीव उस काल में महाद्वीपों और महासागरों को भी आसानी से पार करने में सक्षम थे। बता दें कि कुछ समय पहले इंग्लैंड में भी उड़ने वाली छिपकली के जीवाश्म मिले थे।
चीन में भी मिला था टेरोसार का जीवाश्म
करीब दो साल पहले चीनके शिनजियांग में खुदाई के दौरान उड़ने वाले टेरोसार के 215 अंडों का जीवाश्म मिला था। वैज्ञानिकों ने इसके 10 करोड़ साल पुराने होने का दावा किया। वैज्ञानिकों के मुताबिक टेरोसोर उड़ने वाले सरीसृपों (रेपटाइल) की एक श्रेणी थी। बताया जाता है कि पृथ्वी पर 21 करोड़ से 6.5 करोड़ वर्ष पहले के बीच ये विशालकाय टेरोसार मौजूद रहे। अपने भारी वजन के कारण ये धीरे-धीरे विलुप्त हो गए।
जानिए क्यों विलुप्त हो गए डायनासोर ?
धरती से डायनासोरों के विलुप्त होने का कोई पुख्ता प्रमाण मौजूद नही हैं , इसके लिए कई किस्म के अनुमान लगाए जाते हैं। कई वैज्ञानिकों का मानना है कि एक भीमकाय उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण नष्ट हो गए। वहीं कुछ वैज्ञानिकों मानना है कि इनके विलुप्त होने का कारण प्रचंड ज्वालामुखी विस्फोट था | एक अन्य कारण के अनुसार भूखमरी के कारण विलुप्त हुए | कई वैज्ञानिकों का मानना है कि इनका विशालकाय शरीर भी इनके लिए घातक सिद्ध हुआ।