कुर्सी पर खतरा: नेपाल के पीएम ओली के भाग्य का आज हो सकता है स्थायी समिति की बैठक में फैसला

ओली ने बजट सत्र इसलिए स्थगित कराया है क्योंकि वह एक विवादास्पद बिल फिर से पेश करना चाहते हैं जो पार्टी के विभाजन से संबंधित है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 03 Jul 2020 05:49 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 07:11 AM (IST)
कुर्सी पर खतरा: नेपाल के पीएम ओली के भाग्य का आज हो सकता है स्थायी समिति की बैठक में फैसला
कुर्सी पर खतरा: नेपाल के पीएम ओली के भाग्य का आज हो सकता है स्थायी समिति की बैठक में फैसला

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पद पर रहेंगे या नहीं, इसका फैसला शनिवार को हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति की अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें चर्चा का मुख्य विषय ओली का भविष्य तय करना ही होगा। पार्टी की इस सबसे शक्तिशाली इकाई की गुरुवार को बैठक होनी थी, लेकिन शीर्ष नेताओं के बीच ओली के त्यागपत्र के मुद्दे पर सहमति न बन पाने के कारण इसे टाल दिया गया था।

भारत विरोधी रुख के कारण अपनी ही पार्टी के निशाने पर हैं नेपाली पीएम

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को ही कह दिया था कि ओली को कुर्सी छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि उनके हाल के भारत विरोधी बयान न तो राजनीतिक रूप से सही हैं और न ही कूटनीतिक रूप से उचित।

ओली आलोचना के घेरे में

पार्टी के कार्यकारी प्रमुख पुष्प कुमार दहल प्रचंड ने कहा था कि प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी उचित नहीं थी कि भारत उन्हें पद से हटाने की साजिश रच रहा है। 68 साल के ओली ने रविवार को दावा किया था कि उन्हें पद से हटाने के लिए दूतावासों और होटलों में तमाम तरह की गतिविधियां हो रही हैं। उनका दावा था कि इसमें कई नेपाली नेता भी शामिल हैं। ओली तभी से आलोचना के घेरे में हैं जबसे उनके नेतृत्व वाली सरकार ने लिपुलेख और कालापानी जैसे भारतीय क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा बताने वाले नए नक्शे से संबंधित बिल पारित किया है।

ओली और प्रचंड के चलते एनसीपी में दरार

इस पूरे प्रकरण के बाद एनसीपी में दरार साफ तौर पर सतह पर आ गई है। एक गुट का नेतृत्व ओली कर रहे हैं और दूसरे का प्रचंड।

शाह ने कहा- ओली एकतरफा तरीके से सरकार चला रहे हैं

स्थायी समिति के एक सदस्य गणेश शाह ने कहा कि शनिवार को होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ न कुछ ऐसी व्यवस्था बनाने की कोशिश करेंगे, जिसका पार्टी और सरकार, दोनों को पालन करना होगा। कोशिश मतभेद समाप्त करने की है। शाह ने कहा कि ओली एकतरफा तरीके से सरकार चला रहे हैं और वह प्रचंड को भी काम नहीं करने दे रहे हैं।

ओली एक और विवादास्पद बिल संसद में पेश करना चाहते हैं

ओली ने गुरुवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की थी। इसके बाद राष्ट्रपति ने कैबिनेट की सिफारिश पर संसद का बजट सत्र स्थगित कर दिया था। कैबिनेट के एक वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक ओली ने बजट सत्र इसलिए स्थगित कराया है, क्योंकि वह एक विवादास्पद बिल फिर से पेश करना चाहते हैं, जो पार्टी के विभाजन से संबंधित है।

chat bot
आपका साथी