कोरोना महामारी के कारण अमेरिका पर मंडरा रहा मानसिक स्वास्थ्य संकट- डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण अमेरिका पर मानसिक स्वास्थ्य संकट मंडरा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर अपनी चिंता जाहिर की है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 19 Aug 2020 09:07 AM (IST) Updated:Wed, 19 Aug 2020 09:26 AM (IST)
कोरोना महामारी के कारण अमेरिका पर मंडरा रहा मानसिक स्वास्थ्य संकट- डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता
कोरोना महामारी के कारण अमेरिका पर मंडरा रहा मानसिक स्वास्थ्य संकट- डब्ल्यूएचओ ने जताई चिंता

ब्रासीलिया, रायटर। दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी का संकट तेजी से गहराता जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर के करोड़ों लोग पिछले कई महीनों से घरों में कैद हैं। दुनियाभर के कई देशों में प्रतिबंधों के कारण लोग घरों में कई महीने तक बंद रहे। इसका असर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर जरूर पड़ा है। इसी संकट को लेकर डब्ल्यूएचओ ने चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण अमेरिका पर मानसिक स्वास्थ्य संकट मंडरा रहा है। डब्ल्यूएचओ ने इसको लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि कोरोना महामारी, अमेरिका में मानसिक स्वास्थ्य संकट का कारण बन रही है। छह महीने के लॉकडाउन और इस दौरान प्रतिबंधों के कारण घरों में बंद रहने के दौरान तनाव बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस दौरान ड्रग्स और अल्कोहल के उपयोग के कारण तनाव और ज्यादा बढ़ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक कैरिसा इटियेन(Carissa Etienne) ने वाशिंगटन में पैन अमेरिकी स्वास्थ्य संगठन से एक वीडियो कांफ्रेंसिंग में कहा कि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में बढ़ोत्तरी भी महामारी से जुड़ी एक संबंधित समस्या बनकर आई है।

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी ने हमारे क्षेत्र में एक मानसिक स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है, जो पहले कभी नहीं देखा गया था। उन्होंने साथ ही कहा कि यह जरूरी है कि मानसिक स्वास्थ्य सहायता को महामारी प्रतिक्रिया का एक महत्वपूर्ण घटक माना जाए और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि कई लोगों को कोरोना वायरस के कारण होने वाली गंभीर बीमारी होने के डर से तनाव होता है जबकि डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी अस्पतालों में पहले से अधिक समय तक काम कर रहे हैं और अस्पतालों में अपना जीवन खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि बढ़ती घरेलू हिंसा के मामलों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

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