Coronavirus: न्यूजीलैंड का दावा लॉकडाउन के कारण कम्युनिटी ट्रांसमिशन तक नहीं पहुंचा कोरोना

न्यूजीलैंड ने जानकारी देते हुए कि उसने कोरोना वायरस (COVID -19) के सामुदायिक प्रसारण को रोक दिया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Tue, 28 Apr 2020 07:57 AM (IST) Updated:Tue, 28 Apr 2020 07:57 AM (IST)
Coronavirus: न्यूजीलैंड का दावा लॉकडाउन के कारण कम्युनिटी ट्रांसमिशन तक नहीं पहुंचा कोरोना
Coronavirus: न्यूजीलैंड का दावा लॉकडाउन के कारण कम्युनिटी ट्रांसमिशन तक नहीं पहुंचा कोरोना

 वेलिंगटन, आईएएनएस। कोरोना वायरस ने दुनिया के कई देशों में कम्युनिटी ट्रांसमिशन होने के बाद सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। इस बीच न्यूजीलैंड ने जानकारी देते हुए कि उसने कोरोना वायरस (COVID -19) के सामुदायिक प्रसारण को रोक दिया है, साथ ही दावा किया कि वायरस को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया है। कई दिनों तक एक ही मामले सामने आने के बाद देश के प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने कहा कि वर्तमान में वाययरस समाप्त हो गया है। हालांकि, अधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसकी ये मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि वायरस के नए मामले सामने आ नहीं आएंगे। न्यूजीलैंड से सामाजिक प्रतिबंधों के सबसे कठिन स्तर से बाहर निकलने से कुछ घंटे पहले ये खबर आई थी।

बता दें कि न्यूजीलैंड में बीते 5 हफ़्तों से लेवल 4 यानी सिर्फ आवश्यक सेवाओं को इजाजत वाला कड़ा लॉकडाउन लागू किया हुआ था। हालांकि, सोमवार को इसमें ढील दे दी गई और अब लेवल 3 की पाबंदियां बाकी रहेंगी और कुछ व्यवसाय, टेकअवे फूड आउटलेट तथा स्कूल खोल दिए जाएंगे। 

लेकिन, न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने साथ ही चेताया भी है कि इस बारे में निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता कि सभी तरह का ट्रांसमिशन कब तक खत्म किया जा सकेगा, और जिंदगी पूरी तरह सामान्य हो सकेगी। उन्होंने आगे कहा कि हर शख्स वैसा ही सामाजिक जीवन वापस चाहता है, जो हमें बहुत याद आता है। जानकारी के लिए बता दें कि दुनियाभर के करीब सभी देश फिलहाल, कोरोना की चपेट  में है। कोरोना वायरस से अब तक दुनिया के करीब 20 लाख लोगों से अधीक संक्रमित हैं। गौरतलब है कि पिछले साल चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का सबसे पहला मामला सामने आया था। जिसके बाद ये बाकी देशों में फैलना शुरु हुआ। अब इससे बचने के लिए सभी देशों में लॉकडाउन को अपनाया  है। बता दें कि अभी कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं बन पाई है। हालांकि, वैज्ञानिक लगातार इसपर प्रयास कर रहे हैं। 

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