UN में भारत ने किया इजरायल का समर्थन, नेतन्याहू ने PM मोदी को कहा- धन्यवाद
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फिलिस्तीन के गैर सरकारी संगठन शहीद को सलाहकार का दर्जा दिए जाने विरोध में मतदान करने के लिए धन्यवाद किया है।
यरूशलेम,प्रेट्र। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है। दरअसल, संयुक्त राष्ट्र में भारत ने इजरायल के पक्ष में मतदान किया था। इजरायल ने फिलिस्तीन के गैर सरकारी संगठन शहीद को सलाहकार का दर्जा दिए जाने पर आपत्ति जताई थी। इसी के पक्ष में भारत ने इजरायल के लिए वोट किया था।
भारत ने फिलिस्तीनी गैर-सरकारी संगठन 'शहीद' को पर्यवेक्षक का दर्जा देने से इनकार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) में इज़राइल के पक्ष में मतदान किया। इज़राइल ने कहा कि संगठन ने हमास के साथ अपने संबंधों का खुलासा नहीं किया है । नेतन्याहू ने 6 जून के वोट के लगभग एक हफ्ते बाद बुधवार को एक ट्वीट में कहा, ' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत को समर्थन के लिए धन्यवाद, यूएन में इजरायल के साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद।
दरअसल, भारत ने अपने अब तक के रुख से हटते हुए संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद में इजरायल के एक प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया है। जानकारी के लिए बता दें कि इस प्रस्ताव के समर्थन में 28 देशों ने वोटिंग की थी जिनमें अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और जापान भी शामिल हैं। वहीं, विरोध में चीन, ईरान, पाकिस्तान और सऊदी सहित 14 देशों ने वोट डाला था।
संयुक्त राष्ट्र में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त करने के लिए फिलिस्तीनी एनजीओ शहीद द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव को 28-14 वोट से खारिज कर दिया गया था। भारत में इज़राइल दूतावास में मिशन के उप प्रमुख माया कदोश ने मंगलवार को एक ट्वीट में नई दिल्ली को इजराइल के साथ खड़े होने और संयुक्त राष्ट्र में एक पर्यवेक्षक (observer) का दर्जा प्राप्त करने के लिए आतंकवादी संगठन 'शहीद' के अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए एक साथ धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे लिखा कि हम आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करना जारी रखेंगे जो नुकसान पहुंचाने का इरादा रखते हैं।
कदोश ने आगे लिखा की इस संगठन के हिज़्बुल्लाह और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद के साथ संबंध हैं जिन्हें 1997 में आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया गया था। "यह एक अच्छा संकेत है कि भारत एशिया समूह के बीच हमारा समर्थन करने वाला पहला देश है, इसलिए हम बहुत खुश हैं।
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