रैनर वीस, बैरी बेरिश और किप थोर्न को मिला भौतिकी का नोबेल

राइनर वाइस, बैरी बैरिश और किप थोर्ने को इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Tue, 03 Oct 2017 03:52 PM (IST) Updated:Tue, 03 Oct 2017 03:59 PM (IST)
रैनर वीस, बैरी बेरिश और किप थोर्न को मिला भौतिकी का नोबेल
रैनर वीस, बैरी बेरिश और किप थोर्न को मिला भौतिकी का नोबेल

स्टॉकहोम, रायटर। रॉयल स्वीडिश अकेडमी की ओर से मंगलवार को साल 2017 के भौतिकी विज्ञान के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की गई। लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल वेव आबजर्विटी (लीगो) के क्षेत्र में निर्णायक योगदान देने वाले रैनर वीस, बैरी सी बेरिश और किप्स एस थोर्न को संयुक्त रुप से भौतिकी विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया।

अब बुधवार को रसायन, गुरुवार को साहित्य और शुक्रवार को शांति के नोबेल पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की जाएगी। साहित्य के नोबेल विजेताओं में क्लाउडियो मैग्रिस (इटली), नगुगी वा थिंगोओ (केन्या), मारग्रेट एटवुड (कनाडा), एडोनिस फिलिफ रॉथ (सीरिया), डॉन डीलिलो (अमेरिका), एमॉस ओज (इजरायल) और हारुकी मुराकामी (जापान) के नाम पर अटकलबाजी चल रही है। 

विज्ञान के क्षेत्र में 110 नोबेल पुरस्कार

साल 1901 से 2016 के बीच भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में 110 नोबेल पुरस्कार दिये गये हैं। इनमें से 47 ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्हें एकल पुरस्कार दिया गया, बाकी वैज्ञानिकों को संयुक्त रुप से नोबेल पुरस्कार दिया गया। अब तक दो महिलाओं को भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया।

जॉन बार्डिन एक मात्र ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्हें दो बार भौतिकी विज्ञान का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। लॉवरेंस ब्रैग ने सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाले एक मात्र वैज्ञानिक हैं, उन्हें 25 वर्ष की आयु में नोबेल पुरस्कार दिया गया। लॉवरेंस ब्रैग को उनके पिता के साथ वर्ष 1915 में भौतिकी विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था, जिस वर्ष उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया, उस वर्ष नोबेल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों की औसत आयु 55 वर्ष थी।

इससे पहले, बायोलॉजिकल क्लॉक (सरकेडियन क्लॉक) की गुत्थी सुलझाने वाले तीन अमेरिकी वैज्ञानिकों को वर्ष 2017 का चिकित्सा का नोबेल (मेडिसिन) देने की घोषणा की गई है। सोने और जागने के चक्र को नियंत्रित करने के तौर-तरीकों का पता लगाने वाले जेफ्री हॉल, माइकल रॉसबैश और माइकल यंग को पुरस्कार के तौर पर 11 लाख डॉलर (7.20 करोड़ रुपये) नकद और प्रतीक चिह्न दिए जाएंगे।

नोबेल असेंबली ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके मुताबिक, तीनों वैज्ञानिकों ने बायोलॉजिकल क्लॉक को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाने वाले जीन का पता लगाया है। इसे पीरियड जीन का नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों ने फ्रूट फ्लाई (वैज्ञानिक नाम ड्रोसोफिला मेलानोगेस्टर) पर शोध कर इसका पता लगाया है। यह क्लॉक नींद के अलावा खानपान, हार्मोन और शरीर के तापमान को निर्धारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। नोबेल टीम ने कहा, 'उनकी खोज ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि पृथ्वी की परिक्रमा के साथ पेड़-पौधे, पशु और मनुष्य जैविक तौर पर कैसे खुद को उसके अनुकूल ढालते हैं।'

वैज्ञानिकों ने बहुत पहले सभी सजीव में प्राकृतिक तौर पर टाइमकीपर होने की बात कही थी, जो पृथ्वी की लय का पूर्वानुमान लगाने और उनके प्रति अनुकूलन में मदद करता है। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अब उस टाइमकीपर या बायोलॉजिकल क्लॉक को नियंत्रित करने वाले जीन का पता लगाया है। भविष्य में इसकी मदद से कई तरह की बीमारियों का इलाज भी किया जा सकेगा। निर्धारित प्राकृतिक चक्र (जैसे रात में जागना और दिन में सोना) के मुताबिक नहीं रहने की स्थिति में कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं।

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