बांग्लादेश ने और रोहिंग्या मुस्लिमों को दूरदराज के द्वीप पर भेजा, सुरक्षा को लेकर जताया गया है संदेह

बांग्लादेश की नौसेना के एक अधिकारी ने कहा कि 1700 से अधिक रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों के एक समूह को बंगाल की खाड़ी में एक दूरदराज के द्वीप के लिए भेज दिया गया है। इस द्वीप पर रोहिंग्याओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा चुकी है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Fri, 29 Jan 2021 03:35 PM (IST) Updated:Fri, 29 Jan 2021 03:35 PM (IST)
बांग्लादेश ने और रोहिंग्या मुस्लिमों को दूरदराज के द्वीप पर भेजा, सुरक्षा को लेकर जताया गया है संदेह
रोहिंग्या शरणार्थियों को बांग्लादेश के नौसेना के जहाज से भेजा गया। (फोटो: एएफपी)

ढाका, एपी। बांग्लादेश के अधिकारियों ने रोहिंग्या मुस्लिमों के एक और समूह को शुक्रवार को बंगाल की खाड़ी में स्थित एक द्वीप पर भेज दिया। मानवाधिकार समूह इस द्वीप पर रोहिंग्या मुस्लिमों की सुरक्षा को लेकर चिंता जता चुके हैं। क्योंकि यह द्वीप निचला होने के साथ ही तूफान के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। भसन चार नामक यह द्वीप महज 20 साल पहले समुद्र में उभरा बताया गया है। यह द्वीप पहले निर्जन था और इस पर एक लाख रोहिंग्या को बसाने की व्यवस्था की गई है।

बांग्लादेश नौसेना के कमांडर मोजम्मेल हक ने बताया कि शुक्रवार सुबह नौसेना के चार पोतों से 1,778 रोहिंग्या मुस्लिमों को भसन चार द्वीप के लिए रवाना किया गया। इस द्वीप पर जाने वाला यह तीसरा समूह है। गत 29 दिसंबर को 1,804 रोहिंग्या शरणार्थियों को द्वीप पर पहुंचाया गया था। जबकि गत दिसंबर की शुरुआत में पहली बार 1,642 रोहिंग्या मुस्लिमों को द्वीप पर बसाया गया था। उन्होंने कहा, 'द्वीप पर एक लाख लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है। उनको भेजने की प्रक्रिया जारी रहेगी।'

बता दें कि वर्ष 2017 में म्यांमार में सैन्य कार्रवाई के चलते करीब सात लाख रोहिंग्या मुस्लिम भागकर बांग्लादेश में चले आए थे। बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके में शरणार्थी शिविरों में दस लाख से ज्यादा रोहिंग्या रहते हैं। बांग्लादेश ने एक द्विपक्षीय समझौते के तहत रोहिंग्या मुस्लिमों को म्यांमार भेजने का प्रयास किया था, लेकिन किसी ने भी स्वदेश वापसी की इच्छा नहीं जताई।

उन्होंने कहा कि शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कहते हैं कि एजेंसी को द्वीप पर जीवन की सुरक्षा और स्थिरता का मूल्यांकन करने की अनुमति नहीं दी गई है। एक ईमेल में कहा गया है कि हम प्रस्तावित यू.एन. तकनीकी और सुरक्षा आकलन सहित, अपनी भसन चार परियोजना के बारे में सरकार के साथ रचनात्मक बातचीत जारी रखने के लिए तत्पर हैं।

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