गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने कहा- खुद के भले के लिए आतंकवाद छोड़े पाकिस्तान

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुटनिरपेक्ष देशों से एकजुट होकर सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने का आह्वान किया।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 26 Oct 2019 09:03 PM (IST) Updated:Sun, 27 Oct 2019 12:14 AM (IST)
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने कहा- खुद के भले के लिए आतंकवाद छोड़े पाकिस्तान
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने कहा- खुद के भले के लिए आतंकवाद छोड़े पाकिस्तान

बाकू (अजरबैजान), एएनआइ। पाकिस्तान को आतंकवाद का समकालीन केंद्र बताते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि इस्लामाबाद को दुनिया, अपने पड़ोसियों और खुद के भले के लिए आतंकवाद को निर्णायक रूप से त्याग देना चाहिए।

आतंकवाद पर नायडू ने की पाक राष्ट्रपति की आलोचना

गुटनिरपेक्ष देशों के 18वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि आतंकवाद का जिक्र आते ही हमारा ध्यान सीधे इसके समकालीन केंद्र पाकिस्तान की ओर जाता है। उपराष्ट्रपति ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी की सम्मेलन के मंच का दुरुपयोग सीमापार आतंकवाद की अपनी दीर्घकालिक नीति को न्यायोचित ठहराने के लिए कड़ी आलोचना की।

गुटनिरपेक्ष समूह का फोकस विकास लक्ष्यों पर केंद्रित है

नायडू ने कहा, 'गुटनिरपेक्ष समूह में हम सभी का फोकस हमारे विकास लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने पर है। पाकिस्तान को साफ तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का विश्वास अर्जित करने के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है।'

उपराष्ट्रपति ने आतंकवाद को विनाशकारी खतरा बताया

उपराष्ट्रपति ने आतंकवाद को ऐसा सबसे विनाशकारी खतरा बताया जो लगातार अपना पैर पसारता जा रहा है। उन्होंने कहा, 'इस खतरे से निपटने का सिर्फ एक मार्ग है कि आतंकियों और उनके आकाओं के खिलाफ लड़ाई के सभी वर्तमान अंतरराष्ट्रीय कानूनों और तंत्र को बिना अपवाद मजबूत बनाया जाए और उन्हें लागू किया जाए।'

वेंकैया ने आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति ने समूह देशों से अनुरोध किया कि वे प्रभावशाली बने रहने पर फिर फोकस करें और आतंकवाद, वैश्विक शासन सुधार, सतत विकास व सहयोग से जुड़ी चुनौतियों का समाधान निकालें। साथ ही उन्होंने सदस्य देशों से एकजुट होकर सभी तरह के आतंकवाद के खिलाफ साझा मोर्चा बनाने का आह्वान किया क्योंकि हिंसक चरमपंथी विचारधाराओं और आतंकी कार्रवाइयों को सही नहीं ठहराया जा सकता।

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