अफगानिस्‍तान में सक्रिय इस खुंखार आतंकवादी संगठन के निशाने पर अमेरिका, जानें- ISIS-K के बारे में सबकुछ

अफगानिस्‍तान में काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद पूरी दुनिया की नजरों में आने वाला आतंकवादी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट के खुरासन गुट एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। इस आतंकी हमले में 100 से ज्‍यादा लोग मारे गए थे। इन धमाकों की गूजं अमरिका के सीनेट तक पहुंची थी।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 07:23 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 08:07 PM (IST)
अफगानिस्‍तान में सक्रिय इस खुंखार आतंकवादी संगठन के निशाने पर अमेरिका, जानें- ISIS-K के बारे में सबकुछ
अफगानिस्‍तान में सक्रिय इस खुंखार आतंकवादी संगठन के निशाने पर अमेरिका।

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। अफगानिस्‍तान में काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बाद पूरी दुनिया की नजरों में आने वाला आतंकवादी संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट के खुरासन गुट (ISIS-K) एक बार फ‍िर सुर्खियों में है। इस आतंकी हमले में 100 से ज्‍यादा लोग मारे गए थे। इन धमाकों की गूजं अमरिका के सीनेट तक पहुंची थी। इस आतंकी हमले के पीछे इस्‍लामिक स्‍टेट के खुरासन गुट (ISIS-K) का हाथ बताया गया। आइएसआइएस-के को उग्रवादी इस्लामी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया यानी आईएसआईएस का सहयोगी माना जाता है। आइए जानते हैं ISIS-K (आइएसआइएस-के) क्या है। भारत में इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं ?

कौन है इस्‍लामिक स्‍टेट के खुरासन गुट

1- इस आतंकी संगठन को दुनियाभर के तमाम इस्लामिक जिहादी आतंकी संगठनों में सबसे ज्यादा खुंखार और कट्टर माना जाता है। अमेरिका की अफगानिस्तान में प्रवेश के साथ ही तालिबान और इस्लामिक स्टेट खुरासान गुट जैसे कई जिहादी संगठन काफी हद तक सीमित हो गए थे। अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी के साथ ही ये सभी इस्लामिक कट्टरपंथी आतंकी समूह फिर से सक्रिय हो गए हैं।

2- अन्‍य आतंकी संगठन की तरह इस आतंकवादी संगठन का भी जन्मदाता पाकिस्तान है। यह आतंकी संगठन अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान और सीरिया के कुछ हिस्सों से संचालित होता है। फारसी में 'खुरासान' का मतलब होता है यानी वह जगह जहां से सूरज उगता है। इस्लामिक स्टेट के खुरासान गुट के अनुसार, उसकी सीमाएं केवल अफगानिस्तान या ईरान ही नहीं भारत तक आकर लगती हैं। इस आतंकी संगठन का मानना है कि खुरासान प्रांत के अंतर्गत केवल एशिया ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आती है। इस आतंकी संगठन में तालिबान, अल कायदा, पाकिस्तानी तालिबान जैसे तमाम आतंकवादी संगठनों के कट्टर आतंकी जुड़े हुए हैं।

3- यह संगठन अमेरिका का सख्‍त विरोधी है। वह अमेरिका से किसी भी तरह की बातचीत के पक्षधर नही हैं। बीते कुछ समय में तालिबान ने अमेरिका को लेकर नरम रुख अपनाया है, जिसकी वजह से इस आतंकी संगठन ने तालिबान के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। वर्ष 2014 के अंत में आइएसआइएस-के ने अपना असली रूप दिखाना शुरू किया था। इस संगठन ने अब तक सैकड़ों हमलों में हजारों लोगों की नृशंस हत्या की है। इस आतंकी संगठन को खत्म करने के लिए 2017 में अमेरिका ने पूर्वी अफगानिस्तान के इलाके में इसके ठिकानों पर बमों से हमला किया था, लेकिन वह इसे खत्म नहीं कर सका था।

4- तालिबान के सत्ता में आने के बाद देश की जेलों में बंद कई आतंकियों को रिहा किया था। इनमें अल कायदा, इस्लामिक स्टेट जैसे जिहादी संगठनों के आतंकी भी शामिल थे। हाल ही में तालिबान ने आइएसआइएस-के के एक कमांडर को मार गिराया था। दरअसल, इस आतंकी संगठन का मानना है कि तालिबान अब उतना कट्टर नहीं रह गया है, जितना उसे होना चाहिए। संगठन का मानना है कि शरिया कानूनों को लेकर तालिबान अब कमजोर पड़ गया है।

भारत ट्रेन धमाके में खुरासान माडल का नाम सामने आया

वर्ष 2017 में भारत में पहली बार मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुए ट्रेन धमाके में खुरासान माडल का नाम सामने आया था। इसके बाद उसी साल यूपी के लखनऊ में एक एनकाउंटर में सैफुल्लाह नाम के एक संदिग्ध आतंकी को मार गिराया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि उसके घर पर आइएसआइएस के झंडे समेत कई चीजें बरामद की गई थीं। कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में आइएसआइएस के लिए आतंकियों की भर्ती का जिम्मा सैफुल्लाह को मिला हुआ था। भारत के अलग-अलग हिस्सों से इसके बाद कई लोगों को खुरासान माडल के आतंकी के तौर पर गिरफ्तार किया जाता रहा है। दिल्ली से भी एक आइएसआइएस-के के आतंकी को गिरफ्तार किया गया था।

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