चीनी सुरक्षा बलों द्वारा एक नेपाली दल पर आंसू गैस छोड़े जाने का मामला आया सामने

नमखा नगर पालिका के उपध्याक्ष पेना लामा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि शुक्रवार सुबह चीनी सुरक्षा बलों ने नमखा सीमा पर हमारे दल पर आसूं गैस के गोले छोड़े। यह दल कांग्रेस नेता जीवन बहादुर के साथ पिलरों के पास से गुजर रहा था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 10 Oct 2020 09:41 PM (IST) Updated:Sat, 10 Oct 2020 09:41 PM (IST)
चीनी सुरक्षा बलों द्वारा एक नेपाली दल पर आंसू गैस छोड़े जाने का मामला आया सामने
इस दौरान लामा को हल्की चोटें भी आई हैं।

काठमांडू, एएनआइ। चीनी सुरक्षा बलों द्वारा एक नेपाली दल पर आंसू गैस छोड़े जाने का मामला सामने आया है। यह घटना नेपाल स्थित हुमला जिले के नमखा सीमा पर हुई। नेपाली दल वहां से होकर गुजर रहा था। नमखा नगर पालिका के उपध्याक्ष पेना लामा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि शुक्रवार सुबह चीनी सुरक्षा बलों ने नमखा सीमा पर हमारे दल पर आसूं गैस के गोले छोड़े। यह दल कांग्रेस नेता जीवन बहादुर के साथ पिलरों के पास से गुजर रहा था। इस दौरान लामा को हल्की चोटें भी आई हैं।

यह घटना उस समय प्रकाश में आई है, जब नेपाल के विदेश मंत्रालय हुमला में चीन द्वारा किसी भी तरह के अतिक्रमण करने की बात से इन्कार कर चुका है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि हाल ही में सीमा पर जो बिल्डिंग गिरी है, वह नेपाल की सीमा में नहीं है। हुमला के स्थानीय लोगों द्वारा किए गए दावे में सत्यता नहीं है।

चीनी दूतावास के सामने नेपालियों ने किया था विरोध प्रदर्शन

बता दें कि कुछ दिन पहले ही नेपाल के उत्तरी इलाके में चीन द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य के खिलाफ नेपाल छात्र संघ के सदस्यों ने राजधानी काठमांडू में चीनी दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। कोविड-19 प्रतिबंधों के चलते प्रदर्शनकारियों ने मास्क और फेस शील्ड लगा रखा था। प्रदर्शनकारी हमला जिले में चीनी अधिकारियों द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्यो के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों के हाथों में पोस्टर भी था, जिन पर लिखा था कि चीन ने जिस इलाके का अतिक्रमण किया है, वह नेपाल का हिस्सा है।

इस बीच नेपाली कांग्रेस ने सरकारी अधिकारियों के दौरा करने और रिपोर्ट सौंपने से पहले सरकार द्वारा मामले पर टिप्पणी करने की आलोचना की। विपक्षी पार्टी ने रिपोर्ट का इंतजार नहीं करने के लिए सरकार को कठघरे में खड़ा किया। इससे पहले नेपाल के विदेश मंत्रालय ने चीन द्वारा जमीन का अतिक्रमण किए जाने की खबरों का खंडन किया था।

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