अफगानिस्तान में बच्चों के हालात पर यूनिसेफ चिंतित, छह महीनों में 460 बच्चों की हुई मौत

यूनिसेफ की रिपोर्ट में इस बात पर जोर देते हुए कहा गया है कि चार दशकों के संघर्ष ने अफगानिस्तान में हजारों लोगों का जीवन प्रभावित किया है। पहले छह महीनों में लगातार हुई हिंसा के कारण कम से कम 460 बच्चे मारे गए है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 07 Nov 2021 11:49 AM (IST) Updated:Sun, 07 Nov 2021 11:49 AM (IST)
अफगानिस्तान में बच्चों के हालात पर यूनिसेफ चिंतित, छह महीनों में 460 बच्चों की हुई मौत
अफगान बच्चे सालों से गरीबी और कुपोषण से जूझ रहे हैं।

काबुल, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान में साल 20121 के पहले छह महीनों में लगातार हुई हिंसा के कारण कम से कम 460 बच्चे मारे गए है। रिपोर्ट में चार लड़कियों और दो लड़कों सहित एक परिवार के नौ सदस्यों की हत्या का भी जिक्र किया गया है जो गुरुवार को हुए विस्फोट के दौरान मारे गए थे। इस विस्फोट में तीन अन्य बच्चे घायल भी हुए थे।

रिपोर्ट में इस बात पर जोर देते हुए कहा गया है कि चार दशकों के संघर्ष ने अफगानिस्तान में हजारों लोगों का जीवन प्रभावित किया है। नंगरहार में संघर्ष के दौरान अपना पैर गंवाने वाले हिबतुल्लाह नाम के 6 साल के लड़के ने कहा कि वह अब एक कृत्रिम पैर पर निर्भर है।

हिबतुल्लाह के पिता अब्दुल्ला का कहना है कि नंगरहार में झड़प में मेरे बेटे को गोली लगी थी। वह लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती रहा और फिर उसका पैर काट दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि परिवार निराशा में डूब गया है। अब्दुल्ला ने कहा कि उनका बेटा अब रेड क्रास द्वारा इलाज कर रहा है और (उन्होंने) उसके लिए एक कृत्रिम पैर बनाया है।

नंगरहार में रहने वाले थेरेपिस्ट मोहम्मद फहीम ने कहा कि हर दिन उनके पास लाए जाने वाले 15 में से 10 बच्चे ब्रेन फ्रीज से जूझ रहे होते हैं। उन्होंने स्थिति को बहुत खतरनाक बताया और ऐसी घटनाओं के लिए युद्ध को जिम्मेदार ठहराया।

यूनिसेफ ने भी अफगान बच्चों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। टोलोन्यूज के अनुसार, यूनिसेफ के संचार, प्रमुख सामंथा मोर्ट ने कहा, 'हम इस साल अब तक विस्फोटक उपकरणों से मारे गए बच्चों की संख्या के बारे में भी चिंतित हैं। एक भी बच्चे की मौत दिल दहला देने वाली है।' यूनिसेफ के अनुसार, अफगान बच्चे सालों से गरीबी और कुपोषण से जूझ रहे हैं।

chat bot
आपका साथी