वर्जीनिया स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे में रखे जाएंगे करीब 2,500 अफगानी, दो दशकों के युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना के साथ किया था काम

अमेरिका ने जानकारी दी है कि दो दशकों तक चले युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना का साथ देने वाले अफगानों को उनके परिवार समेत अफगानिस्तान से निकालकर वर्जीनिया में एक सैन्य अड्डे में तब तक रखा जाएगा जब तक उनके वीजा आवेदन क्लियर नहीं हो जाता हैं।

By Amit KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 03:37 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 03:37 PM (IST)
वर्जीनिया स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे में रखे जाएंगे करीब 2,500 अफगानी, दो दशकों के युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना के साथ किया था काम
Us military base in Virginia to house 2500 afghans

काबुल,एजेंसियां: अमेरिका करीब ढाई हजार अफगानों को तालिबान के आतंक के चलते अफगानिस्तान से निकालकर सुरक्षित स्थान पर ले जाएगा। बीते दिनों बाइडन प्रशासन ने जानकारी देते हुए बताया था की, दो दशकों तक चले युद्ध के दौरान अमेरिकी सेना का साथ देने वाले अफगानों को उनके परिवार समेत वहां से निकालकर, वर्जीनिया में एक सैन्य अड्डे में तब तक रखा जाएगा, जब तक उनके वीजा आवेदन क्लियर नहीं हो जाता हैं।

सैन्य अड्डे में दी जाएगी शरण

एक न्यूज चैनल के अनुसार, अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया है कि, वीजा आवेदकों को अगले हफ्ते से रिचमंड के दक्षिण में एक विशाल सैन्य अड्डे ‘फोर्ट ली’ में रखा जाएगा। इस महीने की शुरुआत में अमेरिका ने घोषणा की थी कि, वो जल्द ही "ऑपरेशन सहयोगी शरणार्थी" के तहत अफगान वीजा आवेदकों को स्थानांतरित करना शुरू कर देगा। साथ ही बताया जा रहा है की, करीब 20हजार आफगानों ने अमेरिका जाने के लिए "विशेष अप्रवासी वीजा" के लिए आवेदन किया है, लेकिन उनमें से करीब आधे लोगों को ही स्थानांतरित करने पर विचार किया जा रहा है।

बाइडन के निर्देश पर काम जारी

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता अनुसार, राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश पर विदेश विभाग इच्छुक, योग्य अफगान नागरिकों और उनके परिवारों को स्थानांतरित करने के लिए काम कर रहा है, उन्हें विशेष अप्रवासी वीजा या SIV कार्यक्रम के तहत मंजूरी दी गई है। गौरतलब है की, अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के चलते, युद्ध के दौरान उनका साथ देने वाले अफगानों के की सुरक्षा चिंता का कारण बनी हुई थी। इस बीच अमेरिका द्वारा स्थानांतरण की घोषणा सुरक्षा की नजर से राहत की खबर है। दो दशकों तक चले युद्ध के दौरान बहुत से अफगानों ने सेना के साथ अनुवादक के रूप में और अमेरिकी सैनिकों और राजनयिकों के लिए अन्य सहायक भूमिकाओं में काम किया है।

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