तुर्की के ड्रोन हमले में इराक के दो शीर्ष सैन्य अफसर मारे गए, दोनों देशों के बीच खिंच गई तलवारें

ड्रोन हमले के वक्त बॉर्डर गा‌र्ड्स के शीर्ष अधिकारी कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे थे। हमले में पांच अन्य लोग भी मारे गए हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 08:57 PM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 09:45 PM (IST)
तुर्की के ड्रोन हमले में इराक के दो शीर्ष सैन्य अफसर मारे गए, दोनों देशों के बीच खिंच गई तलवारें
तुर्की के ड्रोन हमले में इराक के दो शीर्ष सैन्य अफसर मारे गए, दोनों देशों के बीच खिंच गई तलवारें

बगदाद, एपी। तुर्की के ड्रोन हमले में इराक के दो शीर्ष सैन्य अफसरों की मौत से दोनों देशों के बीच तलवारें खिंच गई हैं। इराक ने तुर्की के रक्षा मंत्री का बगदाद दौरा रद कर दिया है। तुर्की ने यह हमला मंगलवार को इराक के उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र ब्रैडोस्ट में किया था। इराकी सेना के मुताबिक, ड्रोन हमले के वक्त बॉर्डर गा‌र्ड्स के शीर्ष अधिकारी कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे थे। 

इराक के सुरक्षा अफसरों ने बताया कि इस हमले में पांच अन्य लोगों की मौत हुई। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वे सैन्य कर्मी थे या असैन्य नागरिक थे। उत्तरी इराक में पीकेके के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक ब्राडोस्ट में हुई और इस बैठक का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता लाना था। 

इराकी सेना के बयान के अनुसार, इरबिल के उत्तरी हिस्से के ब्राडोस्ट क्षेत्र में तुर्की के ड्रोन ने बॉर्डर गार्ड्स के एक वाहन को निशाना बनाया। हमले में सेना के दो कमांडर और वाहन के चालक की मौत हो गई। ब्राडोस्ट के मेयर ने बताया कि बॉर्डर गार्ड्स के दूसरे ब्रिगेड के कमांडर जनरल मोहम्मद रूश्दी और तीसरे रेजिमेंट के कमांडर ब्रिगेडियर जुबैर हाली की इहसान चेलेबी में हमले में मौत हो गई।

उन्होंने बताया कि ये क्षेत्र में नई चौकियां बना रहे थे। तुर्की की सेना के अधिकारियों से इस संबंध में टिप्पणी लेने के लिए संपर्क नहीं हो सका। इराक ने इसे अपनी संप्रभुता पर हमला बताते हुए तुर्की को कड़ी चेतावनी दी है। 

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विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसी घटनाओं से दोनों देश के रिश्तों को भारी नुकसान होगा। तुर्की की ओर से कोई बयान नहीं आया है। दरअसल, इराक के उत्तरी इलाके में सक्रिय पीकेके को तुर्की आतंकी संगठन मानता है। तुर्की पहले भी पीकेके के ठिकानों पर हमला करता रहा है।

तुर्की यह कह कर हमलों का बचाव करता है कि ये आतंकी तुर्की में हमला करने के लिए इराकी ठिकानों का इस्तेमाल करते हैं। तुर्की इस बात से खफा है कि इराक इन आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने से बचता है।

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