अमेरिकी चेतावनी के बावजूद तुर्की ने किया रूसी एस-400 का परीक्षण

तुर्की अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य संगठन का इकलौता मुस्लिम सदस्य देश है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 09:38 PM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 09:38 PM (IST)
अमेरिकी चेतावनी के बावजूद तुर्की ने किया रूसी एस-400 का परीक्षण
अमेरिकी चेतावनी के बावजूद तुर्की ने किया रूसी एस-400 का परीक्षण

अंकारा, एएफपी। अमेरिका की कड़ी आपत्ति और प्रतिबंधों की चेतावनी के बावजूद तुर्की ने सोमवार को रूसी एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का परीक्षण शुरू कर दिया। यह परीक्षण अमेरिकी लड़ाकू विमान एफ-16 के मुख्य ठिकाने मर्टेड मिलिटरी बेस पर किया जा रहा है।

माना जा रहा है कि परीक्षण में अमेरिकी लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किया जा सकता है। तुर्की अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो सैन्य संगठन का इकलौता मुस्लिम सदस्य देश है। उल्लेखनीय है कि भारत ने भी रूस से इसी डिफेंस सिस्टम की खरीद का समझौता किया है।

संवेदनशील तकनीक की गोपनीयता को खतरा                      

तुर्की को रूसी सिस्टम की पहली बैटरी जुलाई में मिली थी, तुर्की की सेना को इसका प्रशिक्षण और परीक्षण अब किया जा रहा है। अमेरिका को आशंका है कि रूसी सिस्टम के इस्तेमाल से उसकी संवेदनशील तकनीक की गोपनीयता खत्म हो जाएगी। एफ-35 जैसे अमेरिकी अत्याधुनिक लड़ाकू विमान के तकनीक रहस्य रूस के पास पहुंच जाएंगे।

अमेरिका से 100 एफ-35 विमान की खरीद का सौदा 

वहीं, इस खतरे से बचने के लिए पहला कदम उठाते हुए अमेरिका ने तुर्की को एफ-35 विमान बेचने की प्रक्रिया रोक दी है। तुर्की ने अमेरिका से 100 एफ-35 विमान की खरीद का सौदा किया था। सौदे में तकनीक की सीमित साझेदारी का भी समझौता हुआ था।

लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने का कानून                              

अमेरिका ने रूस के साथ हथियारों और सैन्य जानकारी के लेन-देन पर प्रतिबंध लगाने का कानून बना रखा है। इसी कानून के आधार पर उसने तुर्की को चेतावनी दे रखी है। इसी कानून का हवाला देकर अमेरिका ने भारत पर भी दबाव बनाया गया है। भारत ने भी रूस के साथ एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की खरीद का सौदा किया है। 2021 में इसकी पहली बैटरी की आपूर्ति होनी है।

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