तालिबान के साथ शांति समझौते के लिए राष्ट्रपति गनी ने किया परिषद का गठन, अब्दुल्ला-अब्दुल्ला करेंगे नेतृत्व

परिषद में पिछली शताब्दी के आठवें दशक में सोवियत संघ के खिलाफ लड़े मुजाहिदीन और जिहादी नेता भी शामिल हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 30 Aug 2020 07:14 PM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 07:14 PM (IST)
तालिबान के साथ शांति समझौते के लिए राष्ट्रपति गनी ने किया परिषद का गठन, अब्दुल्ला-अब्दुल्ला करेंगे नेतृत्व
तालिबान के साथ शांति समझौते के लिए राष्ट्रपति गनी ने किया परिषद का गठन, अब्दुल्ला-अब्दुल्ला करेंगे नेतृत्व

काबुल, एजेंसी। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के साथ शांति समझौते के लिए परिषद की नियुक्ति कर दी है। फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था, जिसमें अंतर अफगान वार्ता की परिकल्पना की गई थी। हालांकि इसमें लगातार देरी होती रही, जिस पर वाशिंगटन ने गहरी निराशा जताई थी।

46 सदस्यीय परिषद का अब्दुल्ला-अब्दुल्ला करेंगे नेतृत्व 

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार देर रात एक फरमान जारी कर 46 सदस्यीय परिषद का गठन किया। इसका नेतृत्व अब्दुल्ला-अब्दुल्ला करेंगे।

वार्ता दल के शीघ्र कतर जाने की उम्मीद

अब्दुल्ला-अब्दुल्ला वही शख्स हैं, जिन्होंने पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में गनी को चुनौती दी थी। हालांकि बाद में दोनों नेताओं में सुलह हो गई थी और फिलहाल वह सरकार में शामिल हैं। परिषद उस 21 सदस्यीय वार्ता दल से अलग है, जिसे गनी ने अंतर अफगान वार्ता के लिए नियुक्त किया था। इस वार्ता दल के शीघ्र ही कतर जाने की उम्मीद है, जहां पर तालिबान ने राजनीतिक कार्यालय खोल रखा है।

तालिबान के साथ किन बिंदुओं पर होगी वार्ता, परिषद तय करेगी 

खास बात यह है कि परिषद ही यह तय करेगी कि वार्ता दल तालिबान के साथ किन बिंदुओं पर बातचीत करेगा। परिषषद में वर्तमान और पूर्व अधिकारियों के साथ-साथ नौ महिला प्रतिनिधि भी हैं। गनी ने पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को भी परिषद में नियुक्त किया था, लेकिन उनसे से जुड़े एक व्यक्ति ने यह कहते इसे अस्वीकार कर दिया कि वह किसी सरकारी ढांचे का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं।

परिषद में मुजाहिदीन और जिहादी नेता भी शामिल हैं

परिषद में पिछली शताब्दी के आठवें दशक में सोवियत संघ के खिलाफ लड़े मुजाहिदीन और जिहादी नेता भी शामिल हैं। गुलबुद्दीन हिकमतयार उनमें से एक हैं, जिन्होंने 2016 में गनी के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। परिषद में अब्दुर रसूल सय्यफ भी शामिल हैं। ये फिलीपींस के आतंकी समूह अबु सय्यफ के प्रेरणास्रोत हैं।

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