ईरान को घेरने की तैयारी: पोम्पिओ की तेल अवीव में ब्रिटेन विदेश मंत्री से और यरुशलम में नेतन्याहू से वार्ता

अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ 23 से 28 अगस्त तक इजराइल सूडान बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर हैं

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 25 Aug 2020 09:35 AM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2020 09:35 AM (IST)
ईरान को घेरने की तैयारी: पोम्पिओ की तेल अवीव में ब्रिटेन विदेश मंत्री से और यरुशलम में नेतन्याहू से वार्ता
ईरान को घेरने की तैयारी: पोम्पिओ की तेल अवीव में ब्रिटेन विदेश मंत्री से और यरुशलम में नेतन्याहू से वार्ता

तेल अवीव/यरुशलम, एजेंसी। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ अपनी मध्‍य-पूर्व एशियाई देशों की यात्रा के पहले पड़ाव में इजराइल पहुंच गए हैं। तेल अवीव में अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ ने ब्रिटेन के विदेश सचिव डॉमिनिक राब से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने अमेरिका और ब्रिटेन की साझा विदेश नीति की प्राथमिकताओं पर चर्चा की। यरुशलम में विदेश मंत्री पाम्पिओ ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू के साथ मुलाकात की। गौरतलब है कि अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ मध्‍य-पूर्व एशियाई देशों की यात्रा पर हैं। स्टेट डिपार्टमेंट राब के प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टागस ने कहा विदेश मंत्री पोम्पिओ 23 से 28 अगस्त तक इजराइल, सूडान, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर हैं।

पोम्पिओ और डॉमिनिक राब की मुलाकात 

तेल अवीव में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने इजराइल में ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब से मुलाकात की। इस दौराना दोनों नेताओं ने दोनों देशों के साझा हितों पर विस्‍तार से चर्चा की। पोम्पिओ ने मध्‍य पूर्व एशियाई देशों के लिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के शांति योजना पर चर्चा की। अमेरिकी विदेश मंत्री ने राष्‍ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण को साझा किया। दोनों व‍िदेश मंत्रियों ने ईरान के विनाशकारी प्रभाव का मुकाबला करने करने एक समन्‍वय कार्यक्रम पर भी चर्चा की।

पोम्पिओ और नेतान्‍याहू से मुलाकात, ईरान पर चिंता 

सोमवार को अमेरिकी विदेश मंत्री की यरुशलम में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिल नेतान्‍याहू से मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने मध्‍य-पूर्व में ईरान के विनाशकारी प्रभावों पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने उन अवसरों पर भी चर्चा की, जहां दोनों देश संयुक्‍त रूप से काम कर सकते हैं। पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका मध्‍य-पूर्व में इजराइल की सैन्‍य बढ़त को सुनिश्चित करेगा। इजराइल और संयुक्‍त अरब अमीरात के संबंधों की चर्चा करते हुए उन्‍होंने कहा कि क्षेत्र के अन्‍य देशों को इसी तर्ज पर इजराइल से संबंध विकसित करना चाहिए। अमेरिकी विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि अन्य अरब देश अमीरात का अनुसरण करेंगे और इसराइल के साथ राजनयिक संबंध बनाएंगे। पोम्पिओ ने कहा कि चीन के वुहान प्रांत से कोरोना वायरस का प्रसार हुआ। उन्‍होंने कहा कि मुझे विश्‍वास है कि दोनों देशों की चिकित्‍सा प्रणाली और दवा कंपनी एक अच्‍छा समाधान तैयार करेंगी। 

अमेरिका के लिए मध्‍य-पूर्व एशियाई देशों की यात्रा है अहम 

खास बात यह है कि पोम्पिओ की मध्‍य-पूर्व एशियाई देशों की यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब अमेरिका ईरान के मसले पर संयुक्‍त राष्‍ट्र में अलग-थलग पड़ गया है।  ईरान पर फिर से संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक प्रतिबंध लगवाने की अमेरिका की मुहिम खटाई में पड़ती नजर आ रही है। अमेरिका के हर कदम पर उसका साथ देने वाले ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने इस मसले पर साथ देने से इन्कार कर दिया है। रूस और चीन पहले से ईरान पर किसी तरह के प्रतिबंध के खिलाफ हैं। अमेरिका ने अपने सहयोगी तीनों देशों के रुख पर हैरानी जताई है, क्योंकि इनमें से ब्रिटेन और फ्रांस सुरक्षा परिषद के सदस्य भी हैं। दोनों देशों के इस रुख से सुरक्षा परिषद में अब अमेरिका के प्रस्ताव के गिरने का खतरा पैदा हो गया है। ऐसे में अमेरिकी विदेश मंत्री की इन देशों की यात्रा अहम मानी जा रही है। कयास लगाए जा रहा है कि पोम्पिओ अपनी इस यात्रा के जरिए यह संदेश देंगे कि अमेरिका उनके हितों के साथ मजबूती से जुड़ा है।  

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