नहीं माना ईरान, शुरू किया 60 फीसद यूरेनियम संवर्धन, अमेरिका के साथ और बढ़ेगा तनाव

परमाणु केंद्र पर हमले के बाद ईरान ने अपनी घोषणा के मुताबिक यूरेनियम का संवर्धन 60 फीसद तक शुरू कर दिया है। इस बात की जानकारी ईरानी संसद के स्पीकर मुहम्मद बाघर कलीबाफ ने दी है। ईरान के नातांज परमाणु केंद्र पर पिछले दिनों हमला किया गया था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 06:17 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 06:17 PM (IST)
नहीं माना ईरान, शुरू किया 60 फीसद यूरेनियम संवर्धन, अमेरिका के साथ और बढ़ेगा तनाव
ईरान ने यूरेनियम का संवर्धन 60 फीसद तक शुरू कर दिया है।

तेहरान, एपी। परमाणु केंद्र पर हमले के बाद ईरान ने अपनी घोषणा के मुताबिक यूरेनियम का संवर्धन 60 फीसद तक शुरू कर दिया है। इस बात की जानकारी ईरानी संसद के स्पीकर मुहम्मद बाघर कलीबाफ ने दी है। ईरान के नातांज परमाणु केंद्र पर पिछले दिनों हमला किया गया था। हमले में यूरेनियम संवर्धन में काम करने वाले सेंट्रीफ्यूज को नुकसान पहुंचा था। इजरायल को हमले का जिम्मेदार बताते हुए ईरान ने हमले के विरोध में बीस फीसद से तीन गुना ज्यादा यूरेनियम संवर्धन की धमकी दी थी। उसने अपनी धमकी पूरी कर दी है।

ईरान के कदम से अमेरिका के साथ तनाव और बढ़ेगा। इससे परमाणु समझौत पर होने वाली वियना वार्ता पर भी प्रभाव पड़ेगा। कलीबाफ ने कहा कि हमने हमला होने के बाद आधी रात तक नातांज परमाणु केंद्र को पूरी ताकत से शुरू कर दिया। हम षड़यंत्र करने वालों के इरादों को सफल नहीं होने देंगे। विशेषज्ञों के अनुसार साठ फीसद यूरेनियम संवर्धन उच्च स्तर है, लेकिन परमाणु हथियार बनाने का स्तर करीब 90 फीसद होना चाहिए।

मालूम हो कि ईरान ने नतांज स्थित भूमिगत परमाणु संयंत्र में हुए ब्‍लैक आउट को आतंकी हमला करार दिया था। ईरान ने इस घटना के बाद कहा था कि उसके पास अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार है। ईरान ने इस हमले के पीछे इजराइल को जिम्‍मेदार बताया था। इरान का आरोप है कि यरुशलम किसी भी कीमत पर नहीं चाहता है कि परमाणु समझौते की वार्ता परवान चढ़े।   

सनद रहे कि ईरान ने दशकों पहले सैन्य परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत करने वाले विज्ञानी की हत्या के लिए भी इजरायल को दोषी ठहराया था। मालूम हो कि साल 2015 में अमेरिका के तत्‍कालीन बराक ओबामा प्रशासन ने ईरान से एक परमाणु संधि साइन की थी। इस संधि को एतिहासिक बताया गया था। साल 2018 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने इस संधि से खुद को अलग कर दिया था। इससे अमेरिका और ईरान के बीच रिश्‍ते और तल्‍ख हो गए थे। 

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