UAE ने अरब जगत में रचा इतिहास, पहला मंगल ग्रह मिशन, HOPE हुआ लॉन्च

खास बात यह है कि यूएई का यह अभियान उस समय शुरू हुआ जब धरती और मंगल के बीच की दूरी सबसे कम होती है। यूएई पहला अरब मुल्‍क होगा जिसने मंगल ग्रह पर अपनी दस्‍तक दी है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Jul 2020 08:52 AM (IST) Updated:Mon, 20 Jul 2020 11:43 AM (IST)
UAE ने अरब जगत में रचा इतिहास, पहला मंगल ग्रह मिशन, HOPE हुआ लॉन्च
UAE ने अरब जगत में रचा इतिहास, पहला मंगल ग्रह मिशन, HOPE हुआ लॉन्च

अबू धाबी, एजेंसी। सऊदी अरब अमीरात (यूएई) ने जापान के सहयोग से मंगल ग्रह पर अपना अपना पहला इंटरप्लेनेटरी होप प्रोब मिशन शुरू किया। यूएई का मंगल ग्रह के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन सोमवार को जापान के तानेगाशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। यूएई का यह मिशन मंगल ग्रह 'होप' नाम से डब किया गया है। यह भारतीय समयानुसार यह मिशन सुबह 3:28 बजे तानेगाशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ। संयुक्‍त राष्‍ट्र अमीरात पहला अरब मुल्‍क होगा, जिसने मंगल ग्रह पर अपनी दस्‍तक दी है। इस मिशन की लाइव फीड भी दिखाया गया।हालांकि, इसे 15 जुलाई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण इसे कुछ समय के लिए टाल दिया गया। 

एक खास खगोलीय घटना के समय शुरू हुआ अभियान 

लॉन्च के पांच मिनट बाद, इस सैटेलाइट को लेकर जा रहा यान अपने रास्ते पर था। इस यान पर अरबी में 'अल-अमल' लिखा हुआ था। इसने अपनी यात्रा का पहला सेपरेशन भी कर लिया था। अमीरात का प्रोजेक्ट मंगल पर जाने वाले तीन प्रोजेक्ट में से एक है। इसमें चीन के ताइनवेन-1 और अमेरिका के मार्स 2020 भी शामिल हैं। खास बात यह है कि यूएई का यह अभियान उस समय शुरू हुआ, जब धरती और मंगल के बीच की दूरी सबसे कम होती है। नासा के अनुसार अक्टूबर में मंगल की धरती से दूरी अपेक्षाकृत 38.6 मिलियन मील (6.2 करोड़ किलोमीटर) कम होगी। 

फरवरी, 2021 में मंगल की कक्षा में पहुंचेगा होप 

'HOPE' के मंगल की कक्षा में फरवरी, 2021 में पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद यह एक मंगल वर्ष यानी 687 दिनों तक उसकी कक्षा में चक्कर लगाएगा। हालांकि, इस मार्स मिशन का मकसद इस लाल ग्रह के पर्यावरण और मौसम के बारे में सटीक जानकारी इकट्ठा करना है, लेकिन इसके पीछे एक बड़ा लक्ष्य यह भी माना जा रहा है- और वह है अगले 100 साल में मंगल पर इनसानी बस्ती बनाने का। यूएई इस प्रोजेक्ट को अरब के युवाओं के लिए प्रेरणा के स्रोत के रूप में भी पेश करना चाहता है।

होप से बढ़ी उम्‍मीदें  अंतरिक्ष यान को अब से लगभग 200 दिनों में मंगल की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है और फिर लाल ग्रह के वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए अपना मिशन शुरू करेगा।  यह 4.93 करोड़ किलोमीटर की यात्रा अंतरिक्ष में करेगा। इसमें सात महीने का वक्‍त लगेगा। मार्टियन वातावरण की पहली सही मायने में वैश्विक तस्वीर प्रदान करेगा।  होप मगंल ग्रह के मौसमी चक्रों और जलवायु का अध्‍ययन करेगा। यह मंगल पर मौसम की घटनाओं और धूल के तूफान का अवलोकन करेगा।  यह मंगल ग्रह के वायुमंडल की ऊपरी और निचली परतों और लाल ग्रह की सतह के क्षरण के कारणों के साथ-साथ मंगल ग्रह का ऊपरी वायुमंडल खो जाने के अध्ययन का भी अध्ययन करेगा। लाल ग्रह की प्राचीन जलवायु के बीच संबंध तलाशने से पृथ्वी के अतीत और भविष्य के साथ-साथ मंगल और अन्य दूर के ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं और गहरी होंगी।

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