Nuclear Power: परमाणु शक्ति बनने की राह पर जापान, बंद पड़े परमाणु संयंत्रों को फिर से खोला जाएगा

जापान में बंद पड़े परमाणु संयंत्रों और न्यू जनरेशन रिएक्टर को फिर से शुरू किया जा सकत है। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अधिकारियों को साल के अंत तक ठोस उपाय करने का निर्देश दिया है।

By Piyush KumarEdited By: Publish:Wed, 24 Aug 2022 05:20 PM (IST) Updated:Wed, 24 Aug 2022 05:20 PM (IST)
Nuclear Power: परमाणु शक्ति बनने की राह पर जापान, बंद पड़े परमाणु संयंत्रों को फिर से खोला जाएगा
बंद पड़े परमाणु संयंत्रों को फिर से खोलेगा जापान।(फोटो सोर्स: रॅायटर्स)

टोक्यो, एजेंसी। फुकुशिमा त्रासदी से गुजर चुका जापान एक बार फिर अपने बंद पड़े परमाणु संयंत्रों और न्यू जनरेशन रिएक्टर को शुरू करने जा रहा है। समाचार एजेंसी राॅयटर्स के मुताबिक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा (Prime Minister Fumio Kishida) ने इस बात की जानकारी दी है। किशिदा ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और बढ़ती ऊर्जा लागत ने जनता की राय को बदल दिया है। गौरतलब है कि एक दशक के बाद जापान में परमाणु ऊर्जा को लेकर नीति में बदलाव किया जा सकता है।

बता दें कि 11 मार्च 2011 की दोपहर ढाई बजे जापान के पूर्वी प्रायद्वीप ओशिका से 70 किलोमीटर दूर 8.9 तीव्रता वाला भूकंप उठा था। इस भूकंप की वजह से सुनामी आ गई। सुनामी की वजह से समुद्र की लहरें फुकुशिमा दाइची परमाणु बिजली संयंत्र में घुसीं, जिसकी वजह से परमाणु संयंत्र में समुद्र का नमकीन पानी घुसने से रिएक्टर पिघलने लगे और धमाके होने लगे। संयंत्र से भारी मात्रा में रेडियोधर्मी तत्व लीक होने लगे और परमाणु विकिरण होने लगा, जिसके बाद शहर को खाली करा लिया गया था।

जनता की राय भी बदल गई: जून अरिमा

किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने अधिकारियों को साल के अंत तक ठोस उपाय करने का निर्देश दिया है। साथ ही उन्होंने स्थायी ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा पर जनता की समझ हासिल करने पर भी जोर दिया है। पर्यावरणीय लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जापान के अधिकारियों ने 'हरित परिवर्तन' (green transformation) की योजना के तहत मुलाकात की। यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के प्रोजेक्ट प्रोफेसर जून अरिमा ने कहा, 'जनता की राय भी बदल गई है, ईंधन की कीमतों में वृद्धि हुई है और गर्मी की वजह से ऊर्जा की बचत भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, 'यह जापान की ऊर्जा नीति के सामान्यीकरण की दिशा में पहला कदम है।'

कई परमाणु रिएक्टरों को फिर से शुरू करने की उम्मीद

प्रोजेक्ट प्रोफेसर जून अरिमा ने आगे कहा, 'जापान को परमाणु ऊर्जा की जरूरत है क्योंकि उसका ग्रिड पड़ोसी देशों से जुड़ा नहीं है और न ही ग्रिड घरेलू जीवाश्म ईंधन के उत्पादन को बढ़ावा देने में सक्षम है। पिछले महीने सरकार ने कहा था कि सर्दियों में बिजली की कमी से निपटने के लिए समय पर और अधिक परमाणु रिएक्टरों को फिर से शुरू करने की उम्मीद है। गौरतलब है कि जुलाई महीने के अंत तक जापान में सात ऑपरेटिंग रिएक्टर थे, जिनमें तीन अन्य रखरखाव के कारण बंद थे। फुकुशिमा त्रासदी के बाद लगाए गए कड़े सुरक्षा मानकों के तहत कई अन्य ऑपरेटिंग रिएक्टर अभी भी एक लाइसेंस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। किशिदा ने यह भी कहा कि सरकार मौजूदा रिएक्टरों के जीवनकाल को बढ़ाने पर विचार करेगी।

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