कोरिया प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच जापान में अधर में लटकी अमेरिका मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम योजना

जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसने अपने देश में अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तैनाती करने का फैसले पर रोक लागई है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Tue, 16 Jun 2020 08:51 AM (IST) Updated:Tue, 16 Jun 2020 05:19 PM (IST)
कोरिया प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच जापान में अधर में लटकी अमेरिका मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम योजना
कोरिया प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच जापान में अधर में लटकी अमेरिका मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम योजना

टोक्‍यो, एजेंसी। कोरिया प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच जापान में अमेरिका की मिसाइल डिफेंस सिस्‍टम योजना अधर में लटक गई है। जापान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसने अपने देश में अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तैनाती करने का फैसले पर रोक लागई है। रक्षा मंत्री तारो कोनो ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि समय और लागत के कारण उन्होंने एजिस ऐशोर सिस्टम की तैनाती की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। कोनो ने कहा लागत और समय को ध्यान में रखते हुए मेरे पास इसके अतिरिक्‍त कोई विकल्प नहीं था। उन्‍होंने कहा कि इस योजना का पीछा करना तर्कसंगत नहीं है।

2017 में जापान ने दो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को जोड़ने को मंजूरी दी थी 

गौरतलब है कि जापानी सरकार ने वर्ष 2017 में देश के लिए दो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को जोड़ने को मंजूरी दी थी। इसमें एक समुद्र में एगिस से लैस विध्वंसक और दूसरी जमीन पर मौजूद पैट्रियट मिसाइल शामिल थी। रक्षा अधिकारियों ने कहा था कि दो एजिस ऐशोर इकाइयां जापान को पूरी तरह से कवर कर सकती हैं। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री शिंजो आबे की सरकार को अब जापान के मिसाइल रक्षा कार्यक्रम पर पुनर्विचार करना होगा।

मिसाइल रक्षा प्रणालियों की तैनाती में पेच 

कोनो ने कहा कि मिसाइल रक्षा प्रणाली की तैनाती में कई पेच थे। उन्‍होंने कहा कि मिसाइल रक्षा प्रणालियों को तैनात करने की योजना को पहले से ही कई असफलताओं का सामना करना पड़ा। इनमें से  पहली किसी एक साइट के चयन के बारे में उलझन थी, दूसरी इसकी बढ़ती हुई लागत को लेकर भी समस्‍या थी। इतना ही नहीं इसके रखरखाव और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण स्‍थानीय स्‍तर पर इसका विरोध हुआ। कोनो ने कहा कि जापान ने पहले से ही इस प्रणाली के लिए 180 बिलियन येन याीन 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर खर्च किए थे। उन्‍होंने कहा लेकिन ऐसा नहीं नहीं कि सब कुछ बेकार हो जाएगा, क्योंकि सिस्टम जापानी विध्वंसक पर इस्‍तेमाल के लिए अनुकूल है। अंततः यामागुची में समुदाय की सुरक्षा की गारंटी देने में असमर्थता के कारण यह यह डील खटाई में पड़ गई। 

सस्ती लागत और बहुमुखी सुविधा के कारण इसे चुना 

जापान ने सस्ती लागत और बहुमुखी सुविधा के कारण टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस या टीएचएएडी पर एजिस ऐशोर को चुना। कोनो ने कहा कि रक्षा अधिकारियों ने इस बात का वादा किया था कि जापान के ऊपर से उड़ान भरने वाले किसी भी मिसाइल को केवल सैन्य अड्डे पर गिराने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा लेकिन बूस्टर का सुरक्षित गिरना सुनिश्चित करना सिस्टम की मौजूदा डिजाइन के साथ असंभव साबित हो रहा था। बता दें कि अमेरिका ने रोमानिया और पोलैंड में भूमि-निर्धारित एजिस एशोर स्थापित किया है, और सिस्टम की मेजबानी के लिए जापान तीसरा देश बनता।  

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