जापानी PM एबी ने मून से की मुलाकात, कहा- 'उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखना था जरुरी'

जापानी पीएम ने यह भी कहा कि, हमने स्पष्ट किया है कि कंफर्ट वूमन पर सहमति अंतिम है और इस पर और विचार नहीं किया जा सकता है।

By Srishti VermaEdited By: Publish:Tue, 13 Feb 2018 12:51 PM (IST) Updated:Tue, 13 Feb 2018 01:11 PM (IST)
जापानी PM एबी ने मून से की मुलाकात, कहा- 'उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखना था जरुरी'
जापानी PM एबी ने मून से की मुलाकात, कहा- 'उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखना था जरुरी'

टोक्यो (रायटर्स)। जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने मंगलवार को कहा कि वे दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून-जे-इन के साथ मिलकर इस बात पर सहमत हुए हैं कि उत्तर कोरिया पर अधिकतम दबाव बनाए रखना अति आवश्यक था। एबी ने ये भी कहा कि उन्होंने मून के साथ मिलकर इस बात की पुष्टि की है कि 'कंफर्ट वूमन' पर दो देशों की सहमति अंतिम थी।

जापानी पीएम ने यह भी कहा कि, हमने स्पष्ट किया है कि कंफर्ट वूमन पर सहमति अंतिम है और इस पर और विचार नहीं किया जा सकता है। बता दें कि आबे दक्षिण कोरिया के प्योंगचांग में हो रहे विंटर ओलंपिक्स के उद्घाटन समारोह में मून-जे-इन से मिले थे।

क्या है 'कंफर्ट वूमन'

बुसान में जापानी दूतावास के बाहर पिछले साल लगाई गई प्रतिमा पर दक्षिण कोरिया और जापान देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। तनाव बढ़ने के बाद जापान ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया था। बता दें कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान टोक्यो द्वारा दक्षिण कोरियाई महिला को अपनी सेना के लिए यौन दासी बनने पर मजबूर करने के प्रतीक के रूप में यह प्रतिमा लगाई गई थी। इस कृत्य के लिए जापान ने उस महिला को मुआवजा भी दिया था।

जापान ने माना था कि उसने 2015 में हुए समझौते के विरुद्ध जाकर प्रतिमा लगाई गई है। दशकों पुराने यौन दासी मुद्दे को खत्म करने के लिए जापान सरकार और दक्षिण कोरिया के बीच समझौता हुआ था। जिसके बाद जापान ने क्षमा मांगते हुए मजबूर की गई महिला को मुआवजा सौंपा था।

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