जापान ने एस्टेरॉयड पर किए कृत्रिम गढ्ढे, सौर मंडल के विकास को समझने में मिलेगी मदद

जापान द्वारा एस्टेरॉयड पर किए गए कृत्रिम गढ्ढों से सौर मंडल के विकास को समझने में मदद मिलेगी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 01:34 PM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 01:34 PM (IST)
जापान ने एस्टेरॉयड पर किए कृत्रिम गढ्ढे, सौर मंडल के विकास को समझने में मिलेगी मदद
जापान ने एस्टेरॉयड पर किए कृत्रिम गढ्ढे, सौर मंडल के विकास को समझने में मिलेगी मदद

टोक्यो, एएफपी। जापान के वैज्ञानिकों को पहली बार एक क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) पर कृत्रिम क्रेटर बनाने में सफलता मिली है। इस उपलब्धि से यह समझने की दिशा में एक कदम और करीब पहुंच गए हैं कि सौर मंडल का विकास किस तरह हुआ है।

जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। इस महीने के शुरू में हायाबुसा-2 अंतरिक्ष यान से रायुगु एस्टेरॉयड पर एक डिवाइस से धमाका किया गया था। इसका मकसद धमाके से बने क्रेटर (गड्ढे) से धरती पर जीवन की उत्पत्ति से जुड़ी और जानकारियों को पाना था।

तस्वीरों से हुए गढ्ढों की पुष्टि
हायाबुसा-2 प्रोजेक्ट के मैनेजर युचि त्सुदा ने पत्रकारों से कहा, ‘अंतरिक्ष यान से मिली तस्वीरों से हम क्षुद्रगह की सतह पर क्रेटर बनने की पुष्टि करते हैं। कृत्रिम क्रेटर बनाने का यह पहला प्रयास है। यह बड़ी कामयाबी है।’ इस प्रोजेक्ट से जुड़े कोबे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मासाहिको अरकावा ने कहा, ‘हम एक बड़ा गड्ढा देख सकते हैं। तस्वीरों से जाहिर होता है कि इसका व्यास करीब दस मीटर होगा।’

नासा भी बना चुका है गढ्ढे 
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के डीप इंपैक्ट प्रोब ने साल 2005 में एक धूमकेतु पर एक कृत्रिम क्रेटर (गढ्ढे) का निर्माण किया था। लेकिन इसका मकसद सिर्फ पर्यवेक्षण करने का था।  

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