चंद्रमा की सतह के नीचे छुपे हो सकते हैं जल के भंडार

जापान के वैज्ञानिकों में चंद्रमा से आए उल्कापिंड में मिले मोगनाइट खनिज से धरती के इस उपग्रह पर पानी होने की उम्मीद जगी है।

By Jagran News NetworkEdited By: Publish:Sun, 06 May 2018 06:00 PM (IST) Updated:Sun, 06 May 2018 06:03 PM (IST)
चंद्रमा की सतह के नीचे छुपे हो सकते हैं जल के भंडार
चंद्रमा की सतह के नीचे छुपे हो सकते हैं जल के भंडार

टोक्यो, प्रेट्र। दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां चंद्रमा पर जल और जीवन की संभावनाओं को तलाशने में जुटी हैं। इसी कड़ी में जापान के वैज्ञानिकों ने कहा है कि चंद्रमा से आए उल्कापिंड में मिले खनिज से धरती के इस उपग्रह पर पानी की खोज को नई दिशा मिल सकती है। जापान की तोहोकु यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों को उत्तर पश्चिमी अफ्रीका के रेगिस्तान में गिरे उल्कापिंड में मोगनाइट नामक खनिज मिला है। वैज्ञानिकों के अनुसार, मोगनाइट की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि चंद्रमा की सतह के नीचे पानी के कई भंडार छुपे हो सकते हैं।

मोगनाइट सिलिकन डाईऑक्साइड का क्रिस्टल रूप है। धरती में यह खनिज अधिकतर क्षारीय तरलों की तलछट जमने से उत्पन्न होता है। चंद्रमा की चट्टान में पहली बार इसकी खोज हुई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि उपग्रह में मौजूद पानी के वाष्पीकरण से इस खनिज का निर्माण हुआ होगा। यह खनिज वहां प्रोसेलेरम टेरेन नामक क्षेत्र में पाया गया है, जो चंद्रमा का भीतरी क्षेत्र है। इससे स्पष्ट है कि चंद्रमा पर ध्रुवों के अतिरिक्त अन्य जगहों पर पानी मौजूद है। सूर्य की रोशनी नहीं पड़ने से वहां पानी बर्फ की अवस्था में ही रहता है।

मालूम हो कि नासा के लूनर क्रेटर ऑब्जरवेशन एंड सेंसिंग सेटेलाइट ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव और भारत के चंद्रयान-1 ने चांद की सतह के ऊपरी वायुमंडल में पानी मौजूद होने के सुबूत जुटाए थे। ऐसा पहली बार है जब चंद्रमा के अन्य क्षेत्रों में भी पानी होने के संकेत मिले हैं। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि चंद्रमा की सतह के नीचे करीब 0.6 फीसद पानी हो सकता है। इतना पानी अंतरिक्ष यात्रियों और भविष्य में चंद्रमा पर बसाई जाने वाली बस्तियों के लोगों की जरूरतें पूरा करने के लिए काफी है।

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