चीन में उठ रही राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग को पद से हटाने की मांग, दर्जन भर शहरों में हो रहे विरोध प्रदर्शन

चीन में राष्‍ट्रपति शी को हटाने के लिए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। देश के करीब दर्जन भर शहरों में इस तरह के विरोध प्रदर्शन सामने आ चुके हैं। प्रदर्शनकारी सरकार की जीरो कोविड नीति से दुखी हैं।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 28 Nov 2022 08:52 AM (IST) Updated:Mon, 28 Nov 2022 08:52 AM (IST)
चीन में उठ रही राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग को पद से हटाने की मांग, दर्जन भर शहरों में हो रहे विरोध प्रदर्शन
चीन में उठ रही राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग को पद से हटाने की मांग

नई दिल्‍ली (आनलाइन डेस्‍क)। चीन में राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग की जीरो कोविड नीति और तिब्‍बत विरोधी नीतियों को लेकर कई बार देश के अलग-अलग हिस्‍सों में विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। हाल ही में शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी में आधी रात को जो प्रदर्शन हुआ उसकी भी वजह यही दोनों मुद्दे थे। तिब्‍बत के विभिन्‍न क्षेत्रों में राष्‍ट्रपति शी के खिलाफ होने वाले ये विरोध प्रदर्शन इस बात का भी सबूत हैं कि तिब्‍बत में चीन से अलग होकर अपनी पहचान बनाने की चिंगारी अब भी सुलग रही है। शनिवार रात को शिनजियांग में राष्‍ट्रपति शी का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों ने जो बैनर और पोस्‍टर लिए हुए थे उन पर शी को राष्‍ट्रपति पद से हटने और जीरो कोविड नीति के चलते लगे लाकडाउन को समाप्‍त करने के स्‍लोगन लिखे थे।

तिब्‍बत में विरोध के सुर 

तिब्‍बत में जहां लोग चीन की कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी की नीति से दुखी होकर सड़कों पर हैं वहीं चीन के दूसरे शहरों में ये विरोध प्रदर्शन काफी हद तक जीरो कोविड नीति के ही खिलाफ है। बता दें कि चीन के कई शहरों में लाकडाउन लगे होने से काम धंधों पर बुरा असर पड़ रहा है। ये विरोध प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहे हैं जब पिछले माह ही 20वीं नेशनल कांग्रेस के दौरान राष्‍ट्रपति के तौर पर शी के तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगी है। ऐसे में राष्‍ट्रपति शी के खिलाफ उठ रही इस्‍तीफा देने की मांग से कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी भी हिल गई है। हालांकि, सरकार ने लाकडाउन को जरूरी बताते हुए कहा है कि इसकी वजह से देश में कोरोना से अब तक केवल 6 हजार ही मौत हुई हैं जबकि पश्चिमी देशों में इसका आंकड़ा लाखों में है।

हैल्‍थ कमीशन ने किया बदलाव 

चीन में जीरो कोविड नीति के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को देखते हुए चीन के नेशनल हैल्‍थ कमीशन ने इस नीति में कुछ बदलाव भी किए हैं। जिनमें क्‍वारंटीन का समय कम करना, प्रतिबंधों में ढिलाई देना भी शामिल है। कमीशन ने 20 बिंदुओं का प्रोग्राम भी जारी किया है। यहां पर ये भी बता दें कि शनिवार को देश में जहां कोरोना के 30 हजार मामले सामने आए थे वहीं रविवार को इनका आंकड़ा बढ़कर 40 हजार हो गया था।

शी की नीतियों का प्रतिकूल प्रभाव 

सरकारी नीति और बढ़ते मामलों का असर देश की मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब कही जाने वाली सिटी गुआंगझू पर भी पड़ा है। इसके अलावा तियानजिन, शिजियाझुआंग समेत दर्जनों शहरों पर पड़ा है। जहां तक विरोध प्रदर्शनों की बात है तो जीरो कोविड नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन उरुमकी, चीन की राजधानी बीजिंग, देश के सबसे बड़े शहर शंघाई, चेंगदू, शियान, वुहान, झेंगझाओ, गुआंगझू में बड़ी संख्‍या में लोग सड़कों पर उतरे हैं।

विरोध प्रदर्शन को दबाने की रणनीति 

विभिन्‍न मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि प्रशासन ने इन विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षा प्रबंध बढ़ा दिए हैं। रविवार को भी जहां-जहां विरोध प्रदर्शन हुए वहां पर भारी संख्‍या में सुरक्षा कर्मियों को लगाया गया था। इनमें काफी संख्‍या में सुरक्षाकर्मी वर्दीधारी तो कई सादे कपड़ों में तैनात किए गए थे। इसके अलावा कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाकर्मियों से झड़प की रिपोर्ट भी विभिन्‍न अखबारों में पब्लिश हुई है। इन सभी विरोध प्रदर्शनों की एक खास बात थी कि ये सभी राष्‍ट्रपति शी से इस्‍तीफा देने की मांग कर रहे थे और लाकडाउन हटाने को लेकर नारेबाजी भी कर रहे थे।

पहले कब हुए विरोध प्रदर्शन 

चीन में जीरो कोविड नीति के खिलाफ जिस तरह के विरोध प्रदर्शन अब दिखाई दे रहे हैं वो पिछले माह भी हुए थे। 13, 14, 15, 18, 19 अक्‍टूबर, 10, 12, 15, 16 नवंबर को भी इस तरह के विरोध प्रदर्शन कई जगहों पर हुए थे। हालांकि सरकार इन विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख रही है। उरुमकी के विरोध प्रदर्शनों से संबंधित जानकारी को सरकार ने तुरंत सोशल मीडिया से हटवा दिया था। सरकार इन विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए हर तरक के हथकंडे अपना रही है।  

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