PM अब्बासी ने गिनाई CPEC की खूबियां, बताया पाकिस्तान के लिए 'गेम चेंजर'

अब्बासी ने बीआरआइ और सीपीइसी को पाकिस्तान- चीन के बीच आर्थिक सहयोग का प्रतिनिधित्व करने वाला एक ट्रांसफार्मेटिव प्रोजेक्ट बताया।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Mon, 09 Apr 2018 02:45 PM (IST) Updated:Mon, 09 Apr 2018 02:51 PM (IST)
PM अब्बासी ने गिनाई CPEC की खूबियां, बताया पाकिस्तान के लिए 'गेम चेंजर'
PM अब्बासी ने गिनाई CPEC की खूबियां, बताया पाकिस्तान के लिए 'गेम चेंजर'

बीजिंग (एएनआइ)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीइसी) को पाकिस्तान के लिए 'गेम चेंजर' बताया है। अब्बासी ने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) और सीपीइसी को पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक सहयोग का प्रतिनिधित्व करने वाला एक ट्रांसफार्मेटिव प्रोजेक्ट बताते हुए कहा, 'वास्तव में वैश्विक रूप से बीआरआइ खास है, जिसे भौगोलिक दृष्टि से दूर-दराज रहने वाले लोगों के लाभ के लिए योजनाबद्ध किया गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि बीआरआइ के सफल कार्यान्वयन से बेहतर बिजली की सुविधा, बेहतर सड़क, बुनियादी ढांचे का विकास और संधारणीय ऊर्जा के उपयोग के प्रोत्साहन को बढ़ावा मिलेगा। अब्बासी ने कहा, 'बीआरआइ की प्रमुख परियोजना के रूप में सीपीइसी व्यापक और व्यापक-आधारित आर्थिक सहयोग के लिए दोनों देशों के दृष्टिकोण का प्रतीक है। सीपीइसी के तहत कल्पना की गई ऊर्जा परियोजनाओं ने पाकिस्तान में ऊर्जा संकट को कम किया है और हम राष्ट्रीय ग्रिड को हजारों मेगावाट बिजली पहुंचाने में सफल रहे हैं।'

62 अरब डॉलर के आर्थिक गलियारे की ऊर्जा परियोजनाओं की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, 'सीपीइसी ऊर्जा परियोजनाओं ने देश के जलविद्युत, वायु, सौर और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश के साथ पाकिस्तान के ऊर्जा मिश्रण को विविध किया है, जिससे हम संतुष्ट हैं।' सीपीइसी परियोजना को पाकिस्तान के लिए 'गेम चेंजर' बताते हुए अब्बासी ने कहा कि आर्थिक गलियारे का प्रारंभिक चरण अच्छी तरह से प्रगति पर है और इसलिए बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह में सड़कों का एक नेटवर्क और बुनियादी ढांचा प्राथमिकता से विकसित किया जा रहा है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि सीपीइसी परियोजना के विकास के अगले चरण में विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसइजेड)) स्थापित किए जाएंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा, 'सीपीइसी न केवल चीन के साथ बल्कि मध्य और दक्षिण एशिया और अन्य के साथ पाकिस्तान की कनेक्टिविटी में मजबूती लाएगा।'

बीआरआइ के विरोध में भारत

बता दें कि चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव (बीआरआइ) को भारत ने देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ बताया है। दरअसल, बीआरआइ, सीपीइसी का ही हिस्सा है और भारत हमेशा से ही इस प्रोजेक्ट का विरोध करता आया है क्योंकि यह पीओके से होकर गुजरता है और भारत, पीओके को कश्मीर का ही हिस्सा मानता है। हालांकि चीन का कहना है कि वह सभी देशों की सीमाओं का सम्मान करता है और पीओके का मसला भारत और पाकिस्तान का आपसी मामला है।

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