हांगकांग में प्रेस को चीन की चेतावनी, कहा- हद में रहो, शनिवार तक बंद हो जाएगा लोकतंत्र समर्थक एप्पल डेली अखबार
चीन में लोकतंत्र समर्थक अखबार एप्पल डेली शनिवार को बंद हो जाएगा। इसके पांच संपादकों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। इसकी संपत्तियों को भी सरकार ने फिलहाल जब्त कर लिया है। काफी समय से ये चीन की निगाह में खटक रहा था।
हांगकांग (एपी)। हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक अखबार आखिरकार बंद होने की कगार पर पहुंच गया है। हांगकांग का चर्चित एप्पल डेली अखबार इस शनिवार तक बंद हो जाएगा। इस अखबार के पांच संपादकों और एग्जीक्यूटिव्स को अब तक पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। इतना ही नहीं इस अखबार से जुड़ी करीब 2.3 करोड़ डॉलर की संपत्ति को भी सरकार ने जब्त कर लिया है। इस अखबार के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर ने एक बयान जारी कर कहा है कि हांगकांग के मौजूदा हालातों के मद्देनजर इस अखबार के प्रिंट और ऑनलाइन संस्करण शनिवार के बाद जारी नहीं रह सकेगा।
अखबार के संपादकों की गिरफ्तारी के बाद से ही ये माना जा रहा था कि ये अखबार अब कुछ ही दिन का मेहमान रह गया है। लोकतांत्रिक समर्थक इस अखबार पर काफी समय से चीन और चीन समर्थित हांगकांग की सरकार की निगाह लगी हुई थी। इस बीच चीन और हांगकांग की सरकार ने मीडिया को आगाह किया है कि वो कानून के दायरे में ही रहें। सरकार का ये भी कहना है कि प्रेस की आजादी की आड़ में गैरकानूनी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस अखबार के पांच संपादकों को पुलिस ने विदेशियों के साथ मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के संदेह में हिरासत में लिया है। पुलिस ने अखबार द्वारा प्रकाशित 30 से अधिक लेखों को हांगकांग और चीन पर विदेशी प्रतिबंध लगाने की कथित साजिश के सबूत के रूप में प्रस्तुत किया है। अखबार के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की तरफ से कुछ दिन पहले हांगकांग के सिक्योरिटी ब्यूरो को एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उन्होंने अखबार के लिए कुछ फंड रिलीज करने की मांग की थी। इस पत्र में कहा गया था कि उन्हें अपने कर्मचारियों की तनख्वाह देने के लिए कुछ पैसे चाहिए।
लोकतंत्र समर्थित पेपर के साथ इस तरह का बर्ताव किए जाने पर अमेरिका ने चीन और हांगकांग सरकार की कड़ी आलोचना की है। अमेरिका के अलावा यूरोपीय संघ और ब्रिटेन ने भी चीन और हांगकांग सरकार की निंदा की है। इनका कहना है कि हांगकांग की सरकार चीन के दबाव में आकर लोकतंत्र समर्थकों को टार्गेट कर रही है। आपको बता दें कि हांगकांग को ब्रिटेन ने 1897 में लीज पर चीन से लिया था। 1997 में ब्रिटेन ने चीन को ये वापस कर दिया था। तभी से यहां के लोगों और चीन सरकार के बीच लगातार तनाव रहा है।