दुनिया लड़ रही कोरोना वायरस से जंग, चीनी चले एवरेस्ट फतेह करने
दुनिया के ज्यादातर देश इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। दूसरी ओर चीन के लोग विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतेह करने निकल पड़े हैं।
बीजिंग, पीटीआइ। दुनिया के ज्यादातर देश इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं। दूसरी ओर चीन के लोग विश्व की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट को फतेह करने निकल पड़े हैं। चीन ने पिछले महीने कोविड-19 के बढ़ते खतरे को देखते हुए माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई के लिए जारी परमिट रद कर दिए थे, लेकिन अब इस रोक को हटा लिया गया है। चीनी पर्वतारोहियों के एक समूह ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई शुरू कर दी है। बता दें कि चीन कोरोनो वायरस के प्रकोप के बाद सामान्य स्थिति में वापस आ गया है। कोरोना वायरस की 'जन्मस्थली' वुहान में लगी लगभग सभी पाबंदियों को हटा लिया गया है। वहां, बस से लेकर सब्जी मार्केट तक सभी जगह हालात सामन्य नजर आ रहे हैं। ऐसे में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर लगी पाबंदी भी हटा दी गई है।
हालांकि, चीन की ओर से एवरेस्ट की चढ़ाई विदेशी पर्वतारोहियों के लिए अभी बंद है। बता दें कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट चीन और नेपाल की सीमा पर स्थित है और दोनों तरफ से चढ़ाई की जा सकती है। चीन ने विदेशी पर्वतारोहियों के लिए अपनी ओर से रास्ता बंद कर दिया है, जबकि नेपाल ने कोविद-19 के मद्देनजर सभी अभियानों को रद कर दिया है। बीबीसी के मुताबिक, सरकार ने अभी केवल चीनी पर्वतारोहियों को इस बसंत के मौसम में एवरेस्ट फतेह करने की अनुमति दी है।
चीन ने कोरोनो वायरस के वैश्विक प्रसार के कारण 2020 के बसंत मौसम की चढ़ाई के लिए तिब्बत में 8,848 मीटर के माउंट एवरेस्ट के उत्तर में विदेशी अभियानों को निलंबित कर दिया है। तिब्बत पर्वतारोहण संघ (टीएमए) ने मार्च के दूसरे सप्ताह के दौरान घोषणा की थी कि चीन ने कोरोनो वायरस महामारी के कारण माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पर रोक लगा दी थी। इसके पीछे तर्क यह दिया गया था कि अगर माउंट एवरेस्ट पर ऊंचाई और उबड़-खाबड़ इलाके में अगर कोई कोरोना वायरस से पीडि़त होता है, तो उस तक इलाज पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाएगा।
चीन तिब्बत पर्वतारोहण संघ (सीटीएमए) ने बताया कि माउंट एवरेस्ट चढ़ाई करनेवाले दो दर्जन से अधिक चीनी पर्वतारोहियों को शुक्रवार को 6,450 मीटर (चार मील) की ऊंचाई पर उन्नत बेस कैंप तक पहुंचने की उम्मीद है। पर्वतारोहण का रिकॉर्ड रखने वाले कहते हैं कि यदि पर्वतारोही इस शिखर तक पहुंच जाते हैं, तो यह चोटी पर केवल चीनी पर्वतारोहियों के पहुंचने का एक बहुत ही दुर्लभ मामला होगा। इससे पहले 1960 के बसंत में सिर्फ चीनी पर्वतारोही पहुंचे थे, तभी भारतीय पर्वतारोहियों ने कोशिश की थी, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए थे।
गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा 11 लाख के पार पहुंच गया है। वहीं, मरनेवालों की संख्या 60 हजार पहुंच गई है। इटली, स्पेन और अमेरिका में प्रतिदिन मौत का आंकड़ा देखकर ऐसा लग रहा है कि वहां मौत का तांडव हो रहा है। दुनिया के लगभग सभी देश इस समय कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है। ऐसे में चीन कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरी तरह आजाद नजर आ रहा है।