ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों से पूछताछ करना चाहती थी चीनी पुलिस, दोनों नाटकीय अंदाज में चीन से निकले

ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) के मुताबिक जो दोनों पत्रकार चीन से भागे हैं वो चीन में मान्यता प्राप्त अंतिम दो ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार थे।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Tue, 08 Sep 2020 02:58 PM (IST) Updated:Tue, 08 Sep 2020 02:58 PM (IST)
ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों से पूछताछ करना चाहती थी चीनी पुलिस, दोनों नाटकीय अंदाज में चीन से निकले
ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों से पूछताछ करना चाहती थी चीनी पुलिस, दोनों नाटकीय अंदाज में चीन से निकले

नई दिल्ली, रॉयटर्स। ऑस्ट्रेलिया और चीन के रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं। चीन का हांगकांग में सुरक्षा कानून लागू करना, कोरोना वायरस और कुछ अन्य मुद्दे हैं जिनको लेकर दोनों देशों के बीच तल्खी अपने चरम पर है। इस बीच बीजिंग ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को अपने निशाने पर ले रहा था।

चीन की पुलिस उनसे पूछताछ भी करना चाह रही थी। किसी तरह से इन पत्रकारों को भी इस बात की भनक लग गई और सोमवार 7 सितंबर की रात को ये दोनों पत्रकार चीन से भागने में कामयाब रहे। ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) के मुताबिक जो दोनों पत्रकार चीन से भागे हैं वो चीन में मान्यता प्राप्त अंतिम दो ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार थे।

पहले से ही ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच मौजूद तनाव को इस घटना ने दोनों देशों के रिश्ते को और कमजोर किया है। पिछले दो साल में ऑस्ट्रेलिया और चीन के रिश्तों में गिरावट आई है। ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार बिल बरटल्स और माइकल स्मिथ (Australian journalists Bill Bartels and Michael Smith) ने गोपनीय तरीके से ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक मिशन में कई दिनों तक शरण ले रखी थी।

दोनों को चीन की पुलिस राष्ट्रीय सुरक्षा के आरोप में गिरफ्तार कर सकती थी। मंगलवार को ये दोनों पत्रकार सिडनी पहुंच गए। यहां पहुंटचने पर बरटल्स ने राजनीतिक पैंतरेबाजी से भरे सप्ताह को याद किया और कई चीजें बताई। बरटल्स सरकारी प्रसारक एबीसी के बीजिंग संवाददाता हैं। उन्होंने कहा कि उस देश में वापस लौटना राहत भरा है जहां वास्तव में कानून का शासन है।

ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू (एएफआर) के माइकल स्मिथ शंघाई संवाददाता हैं। पिछले दिनों बरटल्स और स्मिथ के घर पर आधी रात को पुलिस की छापेमारी हुई थी और उन्हें "राष्ट्रीय सुरक्षा" मामले में पूछताछ के लिए चेतावनी दी गई थी। पिछले सप्ताह चीन में ऑस्ट्रेलिया के दूतावास ने बरटल्स को देश छोड़ने की सलाह दी थी। यह सलाह चेंग लेई की गिरफ्तारी के बाद दी गई थी। लेई ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार हैं जो कि चीन के अंतरराष्ट्रीय प्रसारक सीजीटीएन के अंग्रेजी न्यूज चैनल के लिए काम करती हैं। हाल के दिनों में अमेरिका के कई पत्रकारों का वीजा रद्द हो जाने के बाद उन्हें जबरन चीन छोड़ना पड़ा है।

हालांकि बरटल्स के ऑस्ट्रेलिया रवाना होने के पहले पुलिस उनके घर गई थी और कहा था वे जब तक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े केस पर बात नहीं कर लेते वे यात्रा करने से प्रतिबंधित हैं। स्मिथ के साथ भी उसी शाम ऐसा ही कुछ हुआ था। दोनों पत्रकारों से चेंग लेई के बारे में पूछा गया जो अब भी बिना किसी आरोप के पुलिस की हिरासत में हैं।

ऑस्ट्रेलियाई राजनयिकों और चीनी अधिकारियों के बीच एक समझौता हुआ जिसके तहत यह तय हुआ कि बरटल्स और स्मिथ से उनकी मौजूदी में पूछताछ होगी और उसके बाद यात्रा प्रतिबंध हट जाएगा। रवानगी के पहले बरटल्स और स्मिथ ऑस्ट्रेलियाई दूतावास परिसर में ही थे।

ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरिस पाएने ने एक बयान में कहा कि बीजिंग में हमारे दूतावास और शंघाई में काउंसल जनरल ने चीनी अधिकारियों के साथ बातचीत कर उनकी भलाई और ऑस्ट्रेलिया वापसी पर सहमति बनी।  

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