मसूद अजहर मामले में चीन का नया पैंतरा, कहा- समझौते की ओर बढ़ रहा मामला

बीजिंग ने उस रिपोर्ट को खारिज कर दी है जिसमें कहा जा रहा है कि फ्रांस ब्रिटेन और अमेरिका ने चीन को मसूद अजहर पर लगाए गए टेक्निकल होल्‍ड को 23 अप्रैल तक हटाने को कहा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 17 Apr 2019 04:43 PM (IST) Updated:Wed, 17 Apr 2019 06:49 PM (IST)
मसूद अजहर मामले में चीन का नया पैंतरा, कहा- समझौते की ओर बढ़ रहा मामला
मसूद अजहर मामले में चीन का नया पैंतरा, कहा- समझौते की ओर बढ़ रहा मामला

बीजिंग, प्रेट्र/आइएएनएस। चीन ने कहा है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना अजहर मसूद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में काली सूची में डालने का मामला समझौते की ओर बढ़ रहा है। हालांकि चीन ने उन रिपोर्टों को खारिज किया जिनमें बताया गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने उसे 'टेक्निकल होल्ड' हटाने के लिए 23 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है।

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के चीन से 'टेक्निकल होल्ड' हटवाने के लिए 23 अप्रैल तक का अल्टीमेटम देने की रिपोर्टों को खारिज करते हुए बुधवार को चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, ''मुझे नहीं पता कि आप लोगों को ऐसी जानकारियां मिलती कहां से हैं? यूएनएससी और उसकी सहायक संस्था 1267 कमेटी के तय नियम-कायदे हैं। चीन की स्थिति बहुत साफ है। संबंधित पक्षों से बातचीत जारी है। यह मामला धीरे-धीरे समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहा है।''

चीन के प्रवक्‍ता ने यह भी कहा कि यह मुद्दा सहयोग के जरिए सुलझना चाहिए। हमें नहीं लगता कि सदस्यों की आम सहमति के बगैर इसका संतोषप्रद हल निकलेगा। खबर है कि मसूद अजहर पर 'टेक्निकल होल्ड' न हटाने पर तीनों देश यानी अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस चर्चा, मतदान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पारित करने के लिए औपचारिक प्रस्ताव लाएंगे।

गौरतलब है कि पुलवामा में आतंकी हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध कमेटी में इन तीनों देशों ने अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए एक नया प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन चीन ने उसमें 'टेक्निकल होल्ड' का पेंच फंसा कर इस पर करीब छह महीने के लिए रोक लगा दी थी। इसके बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सीधे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अजहर मसूद को काली सूची में डलवाने के लिए पहुंच गए। लेकिन यहां भी यूएनएससी के वीटो पॉवर से लैस चीन ने अड़ंगा लगा दिया। अजहर को काली सूची में डालने पर चीन का रुख कायम रहा।

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