चीन ने 'वन चाइना' नीति मानने पर थपथपाई ओली के नेतृत्‍व की पीठ, कहा- नेपाल की संप्रभुता को पूरा समर्थन

चीन पटरी पर लौट रहे भारत-नेपाल के संबंधों को देख सजग हो गया है। चीन ने वन चाइना नीति को मानने के लिए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व की सराहना की और नेपाल की संप्रभुता स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति दृढ़ समर्थन जताया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Mon, 30 Nov 2020 08:37 PM (IST) Updated:Mon, 30 Nov 2020 08:37 PM (IST)
चीन ने 'वन चाइना' नीति मानने पर थपथपाई ओली के नेतृत्‍व की पीठ, कहा- नेपाल की संप्रभुता को पूरा समर्थन
चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही भी रविवार को नेपाल पहुंचे।

बीजिंग, पीटीआइ। फिर से पटरी पर लौट रहे भारत-नेपाल संबंधों को देख चीन की सक्रियता बढ़ गई है। भारत के कई वरिष्ठ अधिकारियों के नेपाल दौरे की पृष्ठभूमि में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगही भी रविवार को नेपाल पहुंचे। उन्होंने चीन की 'वन चाइना' नीति को मानने के लिए नेपाली नेतृत्व की सराहना की तथा उसकी संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति दृढ़ समर्थन जताया।

बता दें कि वन चाइना नीति के तहत बीजिंग इस बात पर जोर देता है कि अन्य देश ताइवान तथा तिब्बत को चीन का हिस्सा मानें। चीन के रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को यहां बताया कि वेई, जो स्टेट काउंसलर भी हैं, ने रविवार को एक दिनी नेपाल दौरे में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात में आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की, जबकि सेना प्रमुख जनरल पूर्ण चंद्र थापा से कोरोना के कारण प्रभावित सैन्य सहयोग व प्रशिक्षण को बहाल करने पर बात की।

तिब्बत की सीमा नेपाल से लगती है और चीन भारी-भरकम निवेश, कर्ज तथा वित्तीय मदद के दम पर अपने संबंध मजबूत करना चाहता है। बीजिंग यह भी चाहता है कि नेपाल तिब्बतियों को भारत में रह रहे उनके शीर्षस्थ आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मिलने का मुक्त प्रवाह रोके। 85 वर्षीय 14वें दलाई लामा 1959 में भागकर भारत आ गए थे और चीन उन्हें 'अलगाववादी' मानता है।

भारत ने उन्हें राजनीतिक आश्रय दिया है और वे हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं। नेपाल में भी तिब्बतियों की अच्छी-खासी आबादी है। चीन के विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान में वेई के नेपाल दौरे का विस्तृत विवरण दिया है। इसमें बताया गया है कि वेई ने नेपाली नेताओं से कहा कि चीन नेपाल से मजबूत संवाद और उसके सैन्य विकास में सहयोग व समर्थन बनाए रखेगा। साथ ही दोनों देशों के लोगों के हितों और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए और ज्यादा योगदान देगा।

यद्यपि वेई के इस दौरे को चीन की मीडिया ने कोई खास कवरेज नहीं दिया है। उल्लेखनीय है कि नेपाल के साथ सीमा विवाद के बाद पैदा हुई तल्खी को कम करने तथा द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने के लिए पिछले दिनों भारतीय विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला तथा सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने नेपाल का दौरा किया था।

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