भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन ने पाकिस्तान में नामित किया नया राजदूत

सीमा विवाद के चलते बढ़ते तनाव के बीच चीन पाकिस्तान में भी लगातार नई गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इस कड़ी के चलते चीन ने पाकिस्तान में नोंग रोंग को नया राजदूत नामित किया गया है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 12:28 PM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 12:28 PM (IST)
भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन ने पाकिस्तान में नामित किया नया राजदूत
भारत के साथ सीमा विवाद के बीच चीन ने पाकिस्तान में नामित किया नया राजदूत

बीजिंग, एएनआइ। भारत के साथ सीमा विवाद के चलते बढ़ते तनाव के बीच चीन, पाकिस्तान में भी लगातार नई गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। इस कड़ी के चलते चीन ने पाकिस्तान में नोंग रोंग को नया राजदूत नामित किया है। द न्यूज इंटरनेशनल ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी। नोंग वर्तमान समय में एक प्रांतीय सरकार में मंत्री हैं।  

पाकिस्तान में निवर्तमान चीनी राजदूत याओ जिंग को अगली पोस्टिंग के लिए बीजिंग में मुख्यालय में वापस स्थानांतरित कर दिया गया है। वह अपने तीन साल के कार्यकाल के पूरा होने से दो महीने पहले बीजिंग वापस चले गए हैं।

द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार, उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में तीन बार पाकिस्तान में सेवा की और 11 साल तक इस्लामाबाद में रहे। याओ की तुलना में नोंग ने पाकिस्तान में पद के लिए नामित होने से पहले सेवा नहीं की है।

पूर्वी लद्दाख में वास्‍तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control, LAC) जारी तनाव के बीच भारत और चीन के बीच चुसूल में बुधवार को भी ब्रिगेड कमांडर स्‍तर की बातचीत बेनतीजा ही खत्‍म हो गई। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक यह वार्ता सुबह 11 बजे से तीन बजे तक चली। भारतीय सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कोर कमांडर स्तर की बातचीत के लिए दोनों पक्षों ने व्यापक रूप से सहमति जताई है। फ‍िलहाल अभी इस वार्ता की तारीख और इसके एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

समाचार एजेंसी आइएएनएस ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि दोनों ही देश आगे बातचीत जारी रखेंगे। बता दें कि बीते सात सितंबर को छड़, भाले और रॉड आदि से लैस चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रिज लाइन के मुखपारी क्षेत्र स्थित एक भारतीय ठिकाने की ओर आक्रामक तरीके से बढ़ने का प्रयास किया था और हवा में गोलियां चलाई थीं। सीमा पर जारी तनाव के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 45 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब फायरिंग की घटना हुई। चीन की इस आक्रामकता का भारतीय सेना के जवानों ने दृढ़ता से मुकाबला किया जिससे उन्हें पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा।

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