नाटो का खर्च सहयोगियों पर डालने की तैयारी में अमेरिका, शिखर सम्मेलन में ट्रंप बनाएंगे दबाव

ट्रंप प्रशासन इस बात की कई बार शिकायत कर चुका है कि नाटो के सहयोगी देश अमेरिकी सेना की सेवा मुफ्त में पा रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Wed, 27 Nov 2019 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 27 Nov 2019 06:58 PM (IST)
नाटो का खर्च सहयोगियों पर डालने की तैयारी में अमेरिका, शिखर सम्मेलन में ट्रंप बनाएंगे दबाव
नाटो का खर्च सहयोगियों पर डालने की तैयारी में अमेरिका, शिखर सम्मेलन में ट्रंप बनाएंगे दबाव

वाशिंगटन, आइएएनएस। अमेरिका अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के खर्च को सदस्य देशों पर डालने की तैयारी में जुट गया है। वह अगले माह होने वाले नाटो शिखर सम्मेलन में इस संगठन के खर्च को साझा करने को लेकर दबाव बनाएगा। साथ ही नाटो के भावी विकास का भी जिक्र करेगा।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि नाटो की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर तीन से चार दिसंबर तक लंदन में होने वाले शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोंपियो शिरकत करेंगे। इस सम्मेलन में नाटो के सभी सदस्य देशों के नेता भी हिस्सा लेंगे। यह सम्मेलन ऐसे समय होने जा रहा है, जब इस गुट की एकता सवालों के घेरे में है।

ट्रंप प्रशासन इस बात की कई बार शिकायत कर चुका है कि नाटो के सहयोगी देश अमेरिकी सेना की सेवा मुफ्त में पा रहे हैं। ईरान के परमाणु मसले और उत्तरी सीरिया में तुर्की के सैन्य अभियान को लेकर भी नाटो सदस्यों में मतभेद हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हालिया इंटरव्यू में नाटो को ब्रेन डेड करार दिया था। इसकी ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगन ने तीखी आलोचना की थी।

नाटो के ये हैं सदस्य

27 सदस्यीय नाटो की स्थापना 1949 में हुई थी। अमेरिका, ब्रिटेन, पुर्तगाल, नार्वे, नीदरलैंड्स, फ्रांस, लक्जमबर्ग, इटली, आइसलैंड, डेनमार्क, कनाडा और बेल्जियम इसके संस्थापक सदस्यों में हैं। जबकि ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन, हंगरी, चेक गणराज्य, पोलैंड, अल्बानिया, बुल्गारिया, क्रोएशिया, एस्तोनिया, लातविया, लिथुआनिया, मोंटीनिग्रो और स्लोवाकिया बाद में इसमें शामिल हुए।

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