हर दिन कोरोना टेस्‍ट कराएंगे ट्रंप, उपराष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के कर्मचारियों की भी रोजाना जांच

अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उपराष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के बाकी कर्मचारियों की रोजाना कोरोना जांच कराई जाएगी। जानिये इसके पीछे की वजहें...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 08 May 2020 04:17 PM (IST) Updated:Fri, 08 May 2020 04:26 PM (IST)
हर दिन कोरोना टेस्‍ट कराएंगे ट्रंप, उपराष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के कर्मचारियों की भी रोजाना जांच
हर दिन कोरोना टेस्‍ट कराएंगे ट्रंप, उपराष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के कर्मचारियों की भी रोजाना जांच

वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अब वह रोजाना कोविड-19 की जांच कराएंगे। यही नहीं अब हर द‍िन उपराष्ट्रपति और व्हाइट हाउस के बाकी कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई जाएगी। मालूम हो कि ट्रंप का एक सैन्य सहायक कोरोना से संक्रमित पाया गया है। इस घटना के मद्देनजर अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने यह फैसला लिया है। इस आदेश से पहले ट्रंप दोबार कोरोना वायरस की जांच करा चुके हैं। दोनों ही बार उनकी र‍िपोर्ट निगेटिव आई है।

सैन्‍य के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा कि उनका उस सहयोगी के साथ काफी कम संपर्क था। ट्रंप ने यह भी बताया कि उपराष्ट्रपति माइक पेंस का भी उनके साथ बहुत कम संपर्क था। माइक और मेरी जांच की रिपोर्ट अब तक निगेटिव आई है। इसके साथ ही ट्रंप ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि दुनियाभर में कोरोना जैसी महामारी का फैलना चीन की एक भयानक गलती थी।

बता दें कि कोरोना से दुनियाभर में 2,64,000 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई है जबकि 37 लाख लोग संक्रमित हैं। अकेले अमेरिका में 76,000 से अधिक लोगों की संक्रमण से मौत हो गई है तथा 1,292,850 लोग संक्रमित पाए गए। अमेरिका में 24 घंटे में 2448 कोरोना संक्रमितों की मौत हो चुकी है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा कि इस जानलेवा वायरस को चीन में ही रोका जाना चाहिए था लेकिन अब यह 180 से अधिक देशों में फैल गया है।

विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization यानी WHO) की मानें तो पिछले अप्रैल महीने में कोरोना संक्रमण के रोजाना औसतन 80 हजार मामले सामने आए हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट की मानें तो दुनिया में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावितों में एक अरब दिव्यांग भी हैं। कोरोना लोगों की जान ही नहीं ले रहा यह अर्थव्‍यवस्‍था पर भी घातक असर डाल रहा है। यूरोपीय आयोग का अनुमान है कि कोरोना संकट के चलते इस साल यूरोप की अर्थव्यवस्था 7.4 फीसद तक सिकुड़ जाएगी।

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