अमेरिका के उप विदेश सचिव भारत के दौरे पर, रणनीतिक मुद्दों पर वार्ता के लिए समकक्ष से मिले

अमेरिका ने भी अपना स्‍टैंड साफ कर दिया है कि कारोबार के मामलों में भारत के साथ भले ही तनातनी हो लेकिन रणनीतिक मुद्दों पर साझेदारी संबंध लगातार सुदृढ़ हो रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 17 Aug 2019 10:37 AM (IST) Updated:Sat, 17 Aug 2019 10:37 AM (IST)
अमेरिका के उप विदेश सचिव भारत के दौरे पर, रणनीतिक मुद्दों पर वार्ता के लिए समकक्ष से मिले
अमेरिका के उप विदेश सचिव भारत के दौरे पर, रणनीतिक मुद्दों पर वार्ता के लिए समकक्ष से मिले

नई दिल्ली, एजेंसी। अमेरिका के उप विदेश सचिव जॉन सुलीवान ऐसे वक्‍त भारत के दौरे पर हैं, जब कश्‍मीर मुद्दे को लेकर भारत-पाकिस्‍तान के बीच संबंध तल्‍ख हो गए हैं। कश्‍मीर मुद्दे पर चीन ने पाकस्तिान के स्‍टैंड का समर्थन किया है और उसे अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर पूरा सहयोग दे रहा है। एेसे में अमेरिका ने भी अपना स्‍टैंड साफ कर दिया है कि कारोबार के मामलों में भारत के साथ भले ही तनातनी हो लेकिन रणनीतिक मुद्दों पर साझेदारी संबंध लगातार सुदृढ़ हो रहे हैं।
शनिवार को उन्‍होंने कहा कि भारत-अमेरिका के रणनीतिक संबंध एशियाई क्षेत्र में चीन के प्ररिप्रेच्‍छ में बेहद अहम हैं। उन्‍होंने कहा जिस तरह से चीन की एशियाई मुल्‍कों आर्थिक और सामरिक दिलचस्‍पी बढ़ी है वह एक खतरनाक स्थिति है। इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच अफगान शांति वार्ता एवं दोनों देशों के बीच व्‍यापार को लेकर अहम चर्चा हुई।  

US Deputy Secretary of State, John Sullivan in Delhi: That’s why the vitality of U.S.-India partnership is such an important factor in determining whether China ultimately succeeds in reshaping Asia to its purposes. Leaders of both the United States & India recognize this. (16.8) https://t.co/pAOZ1bPzdW" rel="nofollow

— ANI (@ANI) August 17, 2019

संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की गुप्‍त बैठक के दिन ही अमेरिकी उप विदेश मंत्री ने भारत में अपने समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच अनेक रणनीतिक मुद्दों पर द्विपक्षीय वार्ता हुई। सुलीवान ने कहा कि भारत और अमेरिका अब 2+2 डॉयलॉग जैसी अहम वार्ताओं में शामिल हो रहे हैं, ताकि एशिया का ढांचा बदलने के चीन के इरादों को भांपकर उनसे निपटा जा सके।

सुलीवान ने कहा कि दोनों देश आतंकवाद के खात्मे के लिए भी साथ काम कर रहे हैं। हालांकि, इस मुलाकात में होने वाली वार्ता के बारे में विस्तार से दोनों देशों की तरफ से कोई खास जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्विटर के जरिए यह जानकारी दी है कि रणनीतिक रिश्ते को और गहरा बनाने पर बातचीत हुई है।
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी की दिशा तय करने के लिए टू पल्स टू वार्ता का एजेंडा तैयार हुआ है। इसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री हिस्सा होते हैं। तय हुआ था कि इसकी बैठक हर वर्ष होगी, लेकिन पिछले तीन वर्षो में इसकी सिर्फ एक बैठक हुई है। दूसरी बैठक इस साल अमेरिका में होने की सहमति बनी है।

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