इराक में और सैनिकों को तैैनात करेगा अमेरिका, दूतावास पर हमले के बाद उठाया कदम
बगदाद में अपनी दूतावास की रक्षा के अमेरिका ने अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने इसकी जानकारी दी है।
वाशिंगटन, एएनआइ। बगदाद में अपने दूतावास की रक्षा के लिए अमेरिका ने अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने इसकी जानकारी दी है। यह फैसला अमेरिकी दूतावास पर मंगलवार के हमले के बाद लिया गया है। इराक में मौजूद अमेरिकी नागरिकों, सैन्यकर्मियों और राजनयिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका ने वहां अतिरिक्त सैनिकों को भेजने का फैसला किया है।
अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए एस्पर ने इराक में अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा में इराकी सरकार को सहायता करने के लिए कहा। अमेरिका ने दो अपाचे हेलीकॉप्टर भी भेजे हैं, जो दूतावास का ऊपर से निगरानी करेंगे। इसके अलावा एक अतिरिक्त सैन्य इकाई को भी तैनात करने के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है।यदि बगदाद में स्थिति और बिगड़ती है तो इनकी तैनाती होगी।
अमेरिकी दूतावास पर हमला बोल दिया
इराकी ठिकानों पर अमेरिकी हमले से नाराज प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को राजधानी बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास पर हमला बोल दिया। दूतावास के गेट पर पत्थर फेंकने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने उन चौकियों की तरफ मार्च भी किया जो हाई सिक्योरिटी ग्रीन जोन तक आम लोगों को जाने से रोकती हैं।
नो-नो ट्रंप का नारा लगा
दूतावास को पूरी तरह खाली करा लिया गया है और अब वहां पर सिर्फ कुछ सुरक्षाकर्मी ही रह गए हैं। दूतावास पर हमला बोलने के साथ ही प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी झंडों को जला दिया और डेथ ऑफ अमेरिका के नारे लगाए। प्रदर्शनकारी नो-नो अमेरिका..नो-नो ट्रंप का नारा लगा रहे थे। ये लोग दूतावास को बंद करने के आह्वान वाला पोस्टर लिए थे। एक प्रदर्शनकारी इराकी संसद से अमेरिकी सैनिकों को बाहर करने की मांग वाला पोस्टर लिए थे। प्रदर्शनकारियों को दूतावास में प्रवेश करने से रोकने के लिए मुख्य द्वार के चारों ओर इराक के विशेष सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था। प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी गई।
क्यों नाराज थे प्रदर्शनकारी
बीते शुक्रवार को इराक के किरकुक शहर स्थित सैन्य बेस को निशाना बनाते हुए एक हमला किया गया था। इसमें एक अमेरिकी ठेकेदार की मौत हो गई थी। इससे नाराज अमेरिका ने ईरान समर्थित हिजबुल्ला गुटों के इराक और सीरिया स्थित पांच ठिकानों पर रविवार को हवाई हमले किए थे। इनमें 25 लोग मारे गए।
ट्रंप ने हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूतावास पर हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मंगलवार सुबह किए गए ट्वीट में कहा, 'ईरान द्वारा किए गए हमले में ही अमेरिकी ठेकेदार की मौत हुई थी और कई लोग घायल हुए थे। हमने इसका दृढ़ता से जवाब दिया और हम हमेशा ऐसा करेंगे। अब ईरान ने दूतावास पर हमला कराया है। हम इराक की सेना से दूतावास की सुरक्षा करने का आग्रह करते हैं।
हमारे हितों की रक्षा करने में असफल रहा इराक
अमेरिका ने इराक पर वाशिंगटन के हितों की रक्षा करने में असफल रहने का आरोप लगाया है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अमेरिकी सेना इराक में वहां की सरकार के बुलाए जाने के कारण मौजूद है। हमने इराक सरकार को कई बार आगाह किया और हमारी रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाने के लिए उनके साथ सूचनाएं साझा की, लेकिन उन्होंने हमारे हितों की रक्षा के लिए उचित कदम नहीं उठाए।
अमेरिकी राजदूत को तलब करेगा इराक
इराक सरकार ने चेतावनी दी है कि ईरान समर्थित लड़ाकों पर किए गए हमले से अमेरिका के साथ उसके संबंध खतरे में पड़ गए हैं। वह अमेरिकी राजदूत को तलब कर अपनी आपत्ति दर्ज कराएगा। इराक ने कहा कि अमेरिकी सेना ने अपनी राजनीतिक प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर हमले किए हैं। इस तरह के हमले इराक की संप्रभुता का उल्लंघन है।
अमेरिकी सुरक्षा बलों पर हमले की सऊदी अरब ने की निंदा
सऊदी अरब ने इराक में अमेरिकी सुरक्षा बलों पर हाल में हुए हमलों पर चिंता व्यक्त की है। सऊदी समाचार एजेंसी में अज्ञात सूत्रों के हवाले से कहा गया, 'इराक के अंदर आतंकी हमले बढ़ने से सऊदी अरब चिंतित है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। ईरान समर्थित मिलिशिया द्वारा किए गए ये हमले इराक की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं और इराक की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित करते हैं।'